रिपोर्ट:हरेंद्र बिष्ट
थराली। सिद्वपीठ कुरूड से शुरू हुई श्री राजराजेश्वरी नंदादेवी की लोकजात यात्रा अपने मामाकोट देवराड़ा की ओर आने के तहत आज अपने 17 वें पड़ाव पूर्णा गांव पहुंचेगी। यात्रा रविवार को 15 वें पड़ाव ल्वाणी से कांडे, बमणबेरा होते हुए 16 पड़ाव उलंग्रा गांव पहुंची।इस दौरान देवी भक्तों ने देव डोली का पारंपरिक रूप से भव्य स्वागत करते हुए पूजा-अर्चना कर मनौतियां मांगी।15 वें पड़ाव ल्वाणी से आज डोली को गांव के प्रधान नरेंद्र सिंह बिष्ट, पूर्व प्रधान मान सिंह बिष्ट, लक्ष्मण सिंह, महिपाल सिंह,नाथो सिंह ममंद अध्यक्ष रामेश्वर, सीमा देवी, मुन्नी देवी आदि की अगवाई में विदा किया गया। यात्रा के नवमी के पर्व पर बमणबेरा में नंदा,लाटू के मुख्य उपासकों में सामिल कुनियाल जाति के पंडितों ने देवाल के पूर्व प्रमुख डीडी कुनियाल,हरी दत्त कुनियाल,उमेश चंद्र कुनियाल, प्रकाश कुनियाल, केदार दत्त कुनियाल,रमेश चंद्र कुनियाल आदि ने देवी की उपासना कर लोककल्याण की प्रार्थना की। इसके बाद डोली देर सांय उलंग्रा पहुंच गई यहां पर भी देवी का भव्य रूप से स्वागत किया गया।दौरान कुरूड मंदिर कमेटी के अध्यक्ष नरेश गौड़, पूर्व अध्यक्ष मंशा राम गौड़, पुजारी राजेश गौड़, योगंबर गौड़, किशोर गौड़, दयाराम गौड़, सुनील गौड़,रिंकू गौड़, लक्ष्मी गौड़, अनसुया प्रसाद गौड़ ने देवी भक्तों की पूजा संपन्न करवाईं।