रिपोर्ट:सत्यपाल नेगी
रुद्रप्रयाग। जनपद रुद्रप्रयाग के ग्रामीण क्षेत्रों के कृषको की फसले इस बार बारिश न होने एंव पानी की कमी के चलते खराब होने की स्थिति मे आ चुकी हैँ.तो कृषको की सारी मेहनत बेकार जाते देख कृषक भी चिंतित नजर आ रहे हैं।आपको बताते चले कि इस बार बरसाती सीजन के बाद से बारिश का ना होना,जहाँ पर्यावरण को नुकसान पहुंचायेगा ही तो वहीँ कृषको की छ: महिनो की करी कमाई मेहनत को भी भारी नुकसान पहुंचेगा,ऐसे मे ग्रामीण कृषको की चिंता अभी से बढ़ने लगी हैं।
हम बात कर रहे हैं जनपद रुद्रप्रयाग के विकास खण्ड अगस्त्यमुनि की ग्राम पंचायत मदोला की जहाँ आज भी शत प्रतिशत खेती की जाती हैं,यहाँ के लोगों का मुख्य व्यवसाय भी खेतीही हैं,जबकि जिले मे मदोला गाँव खेती किसानी के लिए सबसे उपजाऊ भी माना जाता है, वहीं इस बार बारिश का ना होना साथ ही मदोला गाँव की उपजाऊ भूमि को सिंचित करने वाले जल स्रोत मे पानी की भारी कमी के कारण यहाँ की फसलो के ऊपर विकट संकट दिखाई देने लगा हैं।ग्रामीणों कृषको की माने तो बारिश का समय पर न होने के चलतेपिछले सालों की तुलना मे इस बार सरसों,लाई की पौधों मे पहले ही फ़ूल आ चुके हैं,इन फूलों मे भी पहले की तरह चमक,जान नहीं रही,साथ ही गेहूं की पौध भी ग्रोथ से कम बढ़ रही हैं,कुछ जगहों पर तो फसल जमी ही नहीं हैं ।ग्रामीणों का कहना हैं कि अगर एक सप्ताह तक बारिश नहीं होती हैं तो हमारी सारी फसले बर्वाद हो जायेगी।जो कि गम्भीर चिंता का विषय हैं।इधर पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना हैं कि इस बार बरसात के सीजन के बाद ना के बराबर ही बारिश हुई हैँ,जिस कारण रात्रि को पड़ने वाली ओश मे भी पानी की कमी दिख रही है इससे जमीनों को भी पूरी तरह नमी नहीं मिल पा रही हैँ,इस बार नवंबर-दिसम्बर मे बारिश नहीं हुई जिसके कारण भी फसलो को पहले की तुलना मे इस बार ज्यादा नुकसान होने की पूरी संभावना बनीं है.साथ ही प्राकृतिक जल स्रोतों मे भी पानी की कमी दिखने लगी हैँ.












