डोईवाला (प्रियांशु सक्सेना)। केंद्रीय पेट्रोरसायन अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सिपेट) डोईवाला की परिक्षण लैब को भारतीय मानक ब्यूरों की मान्यता मिल गई हैं। सिपेट डोईवाला एनएबीएल एवं बीआईएस प्रमाणित प्लास्टिक परीक्षण प्रयोगशाला, प्लास्टिक प्रोसेसिंग वर्कशॉप, टूल रूम, कैड-कैम सभी अत्याधुनिक तकनीकी से लैस है।सिपेट संस्थान डोईवाला राज्य की प्रथम सरकारी एन.ए.बी.एल प्रमाणित लैब है जो क्षेत्र में उद्योगों के साथ साथ विभिन्न सरकारी विभागों को उनके विभिन्न प्लास्टिक उत्पादों और मेटेरियल के परीक्षण और गुणवत्ता नियंत्रण आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सहायता प्रदान कर सकता है। अब एन.ए.बी.एल उपरांत सिपेट की परिक्षण लैब को भारतीय मानक ब्यूरों द्वारा मान्यता प्राप्त हो गई है जिससे उत्तराखण्ड राज्य के साथ-साथ देश में स्थित विभिन्न बी.आई.एस कार्यालयों के अतिरिक्त उद्योगों को अपने विभिन्न प्लास्टिक्स उत्पादों के परिक्षण के लिए नमूने सिपेट देहरादून में टेस्ट हो सकेंगे। सिपेट में युपीवीसी/ एचडीपीई/ सीपीवीसी पाइप्स एवं फिटिंग्स, पाली फिल्म्स, पानी के टैंक, डीप इरीगेशन के कॉम्पोनेन्ट, विभिन्न प्रकार के दाने के बैग, मीटर बॉक्स इत्यादि की परीक्षण सुविधा उपलब्ध है। सिपेट राज्य में प्रथम सरकारी एन.ए.बी.एल एवं बी.आई.एस प्रमाणित लैब है जो तृतीय पक्ष निरिक्षण भी करता है। सिपेट की परीक्षण सेवाओं का उपयोग डेयरी विकास, पेयजल, सिंचाई, लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, कृषि, बागवानी, नागरिक आपूर्ति आदि विभागों द्वारा किया जा सकता है जो पॉली फिल्म्स, खाद्य ग्रेड पैकेजिंग के लिए बोरी, बैग आदि प्लास्टिक्स उत्पादों का प्रयोग करते हैं। इस के साथ साथ सिपेट संस्थान में संचालित तीन वर्षीय डिप्लोमा कार्यक्रम : डिप्लोमा इन प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी एवं डिप्लोमा इन प्लास्टिक्स मोल्ड टेक्नोलॉजी संचालित होते है। जिसके लिए प्रवेश के लिए इच्छुक विद्यार्थियों की शैक्षणिक योग्यता न्यूनतम 10वीं या 12वीं या आईटीआई पास होनी चाहिए। सिपेट संस्थान के उत्तराखंड राज्य में खुलने से युवाओ के लिए पेट्रोकेमिकल से सम्बंधित उद्योगों में रोजगार के नए विकल्प उपलब्ध हैं।