रिपोर्ट, ईश्वर राणा
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ हो गया है। अर्थशास्त्र विभाग एवं सामाजिक आर्थिक विकास अध्ययन परिषद, उत्तर प्रदेश – उत्तराखंड (एसेड) के संयुक्त तत्त्वाधान में इस संगोष्ठी का आयोजन किया गया। भारत से विकसित भारत विषय पर आयोजित संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के कुलपति प्रो. एनएमपी वर्मा ने कहा कि देश की आर्थिक उन्नति से ही विकसित भारत बनाने का संकल्प पूरा होगा। इसलिए अधिक से अधिक आर्थिक स्रोतों का निर्माण करना होगा। विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तराखंड उच्च शिक्षा के संयुक्त निदेशक प्रो. आनंद सिंह उनियाल ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण के लिए देश के हर नागरिक में राष्ट्रहित का भाव विकसित करना होगा ताकि वह हर काम राष्ट्र के नाम के भाव से कर सके। उद्घाटन सत्र के मुख्य वक्ता भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की के प्रोफेसर एसपी सिंह ने कहा कि कृषि आधारित लघु उद्योगों के निर्माण से ही समृद्ध भारत का रास्ता निकलेगा। इसलिए युवा पीढ़ी को तकनीकी युक्त कृषि उत्पादन, फल उत्पादन, सब्जी उत्पादन एवं दुग्ध उत्पादन की दिशा में काम करना होगा तभी तर घर तक आर्थिक खुशहाली पहुंच पाएगी। कार्यक्रम अध्यक्ष गोपेश्वर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. कुलदीप नेगी ने कहा कि पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्र में इस तरह की अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन होने से स्थानीय जनमानस का मनोबल बढ़ेगा। गोष्ठी के संयोजक प्रो. विनोद श्रीवास्तव ने गोष्ठी के उद्देश्य पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि उत्तराखंड की आर्थिकी में चारधाम यात्रा का विशेष महत्व है और यात्रियों को और अच्छी सुविधाएं सरकारी स्तर पर प्राप्त होनी चाहिए। गोष्ठी के आयोजक सचिव डा एसके लाल ने समस्त अर्थशास्त्रियों का देवभूमि आगमन पर पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। कार्यक्रम में अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उत्कृष्ट शोधलेखन के लिए अवध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. पीके सिन्हा को ज्ञानरत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रो. संधीर शर्मा, प्रो अल्पना श्रीवास्तव, प्रो अमित जायसवाल, प्रो चंद्रावती जोशी, डॉ सरिता द्विवेदी, डॉ अल्का श्रीवास्तव, डॉ बीपी देवली, डॉ अभय कुमार, डॉ राजेश कुमार मिश्र, डॉ रमाकांत यादव, डॉ विकास प्रधान आदि उपस्थित रहे।