रिपोर्ट हरेंद्र बिष्ट।
थराली। विकास खंड थराली के अंतर्गत श्री बदरी नारायण संस्कृति विद्यालय रायकोली में श्रावणी पूर्णिमा के अवसर पर गुरूकुल पद्धति के अनुसार बालब्रह्मचायों का यज्ञोपवीत संस्कार किया गया।इस मौके पर भारी संख्या में क्षेत्रीय लोगों ने शिरकत की।
उत्तर भारत के शंकराचार्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर श्री 1008 अविमुक्तेश्वरानंद महाराज द्वारा संचालित गुरूकुल संस्कृति विद्यालय रायकोली में रक्षाबंधन के पावन पर्व पर प्रातः काल से ही नारायण मंदिर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जोकि देर सायं तक चलते रहे इस दौरान सबसे आकृषक कार्यक्रम गुरुकुल पद्धति के अनुसार बालब्रह्मचार्यो का यज्ञोपवीत संस्कार रहा। इस कार्यक्रम के तहत गुरूकुल के बालकों को गुरु मंत्र दिया गया। प्रातः काल में बालब्रह्मचार्यो को सामुहिक मंगल स्नान कराया गया। इसके बाद ब्रह्मचार्यो का यज्ञादि कर्म कर के यज्ञोपवीत को धारण करवाया गया। यज्ञोपवीत धारण करने के पश्चात उन्होंने अपने माता,पिता से प्रथम भिक्षा ग्रहण करने के बाद ग्रामसभा चौंडा, रायकोली गांव के ग्रामीणों के साथ मिलकर बालब्रह्मचारीयों एक भव्य कलश यात्रा के साथ भिक्षा के लिए दोनों गांव में गये।इस दौरान दोनों ही गांवों में बालब्रह्मचारी एवं कलश यात्रा में सामिल अन्य लोगों का ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया। ग्राम वासियों ने ब्रह्मचार्यो को भिक्षा देते हुए उन्हें आशीर्वाद दिया। इसके बाद ब्रह्मचर्यो ने गुरूकुल में लौट कर प्राप्त भिक्षा को गुरुकुल पद्धति के अनुसार अपने गुरुओं को समर्पित कर दी। इस मौके पर गुरुकुल की प्रबंधक एवं उत्तराखंड की प्रथम युवा महिला कथावाचक राधिका जोशी केदारखंडी , नवीन जोशी,गुरुकुल के आचार्य विवेकानंद ,संतोष चंदोला ने बालब्रह्मचारी चंद्रमोहन,भुवन, प्रमोद,नवीन,राहुल एवं विवेक को उपनयन संस्कार की दिक्षा दी। इस अवसर पर रायकोली स्थित नारायण मंदिर समिति के अध्यक्ष जीत सिंह,लक्ष्मण सिंह, सुदर्शन सिंह आदि ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई।