• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar

सालम क्रांति के शहीदों का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता: डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला

25/08/24
in उत्तराखंड
Reading Time: 1min read
0
SHARES
39
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter

ब्यूरो रिपोर्ट। किसी ने सच ही कहा है मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है. हम बात कर रहे है  महान क्रांतिकारी नर सिंह धानक और टीका सिंह कन्याल देश को आजाद कराने में प्राणों की आहुति देने वाले अमर शहीदों की कुर्बानी को भुलाया नहीं जा सकता। सालम के महान क्रांतिकारी नर सिंह धानक और टीका सिंह कन्याल ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। 23 जून 1942 को शहरफाटक मे श्री हरगोविंद पंत द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराकर, एक विशाल जनसभा का आयोजन किया गया. जिसकी खबर मल्ला सालम के पटवारी रघुवर दत्त को मिली तो वह आनन-फानन में शहरफाटक पहुंच गया. उसने बलपूर्वक सभा को भंग कर राष्ट्रीय ध्वज को उतार दिया गया. इस बात की प्रतिक्रिया स्वरुप कांग्रेस कमेटी मल्ला सालम द्वारा 1 अगस्त 1942 को तिलक जयंती के उपलक्ष में 11 स्थानों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने और सभा करने का संकल्प लिया गया. इसके विरोध में ब्रिटिश तोपों का मुकाबला क्रांतिकारियों ने पत्थरों से किया था।9 अगस्त 1942 के गांधी जी के करो या मरो उद्घोष के बाद अल्मोड़ा जिले के विकासखंड लमगड़ा के सालम में भी क्रांति की चिंगारी भड़क उठी थी। सालम क्षेत्र के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राम सिंह धौनी के इलाहाबाद से बीए के डिग्री लेकर वापस आने के बाद से ही वर्ष 1919 से आजादी की लड़ाई का आगाज हो गया था।23 अगस्त 1942 को सालम के नौगांव में आजादी के परवाने अंग्रेजी हुकुमत से लोहा लेने के लिए रणनीति तय कर रहे थे, लेकिन तभी अंग्रेजी हुकुमत ने सभा पर धावा बोल दिया और कई लोग गिरफ्तार किये गए। इससे गुस्साएं हजारों की संख्या में क्रांतिकारी 25 अगस्त को धामदेव के टीले पर एकत्र हो गए। लेकिन अंग्रेजों ने काएक गोलियां चला दी। इसमें सालम के दो सपूत नर सिंह धानक और टीका सिंह कन्याल शहीद हो गए थे। तब से हर साल 25 अगस्त को सालम में सालम क्रांति दिवस मनाया जाता है। आजादी के आंदोलन में सालम क्षेत्र के क्रांतिवीरों का योगदान स्वर्णाक्षरों में दर्ज है। 25 अगस्त 1942 को आज ही के दिन आजादी की लड़ाई के दौरान जैंती के धामद्यो में ब्रिटिश हुकूमत से लोहा लेते हुए चौकुना गांव निवासी नर सिंह धानक और कांडे निवासी टीका सिंह कन्याल शहीद हो गए थे। जब बगवाल से दो दिन पहले ही वीरखम्मम मैदान रात में मशालों से जगमगा उठा। ब्रिटिशों ने सालम के क्रांतिवीरों का मनोबल गिराने के लिए आजादी के नायक प्रताप सिंह बोरा, मर्चू राम, डिकर सिंह धानक, उत्तम सिंह बिष्ट, राम सिंह आजाद, केशर सिंह आदि क्रांतिकारियों को जेलों में ठूंस दिया था। क्रांतिकारियों के गांव कांडे, थामथोली, मझाऊं, सैनोली, दाड़िमी, चौकुना, बरम, नौगांव आदि में महिलाओं, बच्चों को अनेक यातनाएं दी गई। इसके बावजूद क्रांतिकारियों में देश प्रेम का जज्बा कमजोर नहीं हुआ। गांव-गांव क्रांतिवीरों की सभाएं होने लगीं और आंदोलन तेज हो गया। 25 अगस्त 1942 को सालम के कई गांवोंमें क्रांतिकारियों ने ब्रिटिशों के खिलाफ सीधा मोर्चा खेल दिया।23 जून 1942 को शहरफाटक मे श्री हरगोविंद पंत द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराकर, एक विशाल जनसभा का आयोजन किया गया। जिसकी खबर मल्ला सालम के पटवारी रघुवर दत्त को मिली तो वह आनन-फानन में शहरफाटक पहुंच गया। उसने बलपूर्वक सभा को भंग कर राष्ट्रीय ध्वज को उतार दिया गया। इस बात की प्रतिक्रिया स्वरुप कांग्रेस कमेटी मल्ला सालम द्वारा 1 अगस्त 1942 को तिलक जयंती के उपलक्ष में 11 स्थानों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने और सभा करने का संकल्प लिया गया. इस कार्य को पूरा करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जन जागरण और चेतना का व्यापक अभियान चलाया गया। तिलक जयंती के संकल्प को 1 अगस्त को शहर फाटक, सांगण, देवलखान, बसंतपुर, झालडुंगरा तथा तल्ला सालम के जैंती, चौखुरा, नौगांव आदि स्थानों मे राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर तथा सभाएं आयोजित कर पूरा किया गया। स्वाधीनता आन्दोलन की चेतना के विस्तार के लिए 12,अगस्त 1942 से सांगण मे कौमी सेवा दल का कैम्प लगाने का प्रस्ताव किया गया जिसके लिए राम सिंह आजाद को कैम्प संयोजक, प्रताप सिंह बोरा और भगवान सिंह धानक को प्रशिक्षक तथा हरिदत्त उपाध्याय को कैंप कमांडर चुना गया। कैंप आयोजित करने के लिए व्यापक तैयारियां चल रही थी। क्षेत्र के युवाओं ने बड़ी संख्या में कौमी एकता दल में भर्ती की पेशकश की जिसकी भनक स्थानीय प्रशासन को लग गई। प्रशासन द्वारा अल्मोड़ा के जिलाधिकारी को रिपोर्ट दी गयी कि बागी दल की गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए सेना की मदद दी जाए. लेकिन जिलाधिकारी ने नायब तहसीलदार भुवन चंद्र, पेशकार भवानी दत्त को सभी पट्टी के पटवारी, लाइसेंसदार, पुलिस तथा अन्य संसाधन से सेना के बिना ही, बागी दल को गिरफ्तार और नियन्त्रित करने के आदेश दिए। यह दल पूर्ण तैयारी और 7- 8 बंदूकों सहित सालम क्षेत्र को रवाना हुआ। 15 सत्यग्रहियो को नौगांव में घेर कर गिरफ्तार कर लिया। वारन्ट गिरफ्तारी दिखाने को लेकर थानेदार वीर सिंह से गंभीर विवाद भी हुआ। नरसिंह धानक और टीका सिंह कन्याल जनयुद्ध में शहीद हो गए गिरफ्तार किए गए 15 सत्यग्रहियों मे सर्वश्री रेवाधर पाँडे, राम सिंह, हरसिंह बिष्ट, कमलापति, बाबूराम अग्रवाल,भवान सिंह धानक, लक्ष्मण सिंह क्वैराला आदि प्रमुख थे जिन्हें हांक कर रात में ही जानवरो की तरह अल्मोड़ा को ले जाया जाने लगा. इस बात की आसपास के ग्रामीणों में बहुत तीखी प्रतिक्रिया हुई। रात मे ही हजारों की संख्या मे ग्रामीण जलती मशाल और लाठी-डंडे लेकर नारे बाजी करते हुए अल्मोड़ा देवीधूरा मार्ग पर वीरखम्ब के मैदान मे सरकारी दल के पहुंचने से पहले पंहुच गए।मशालें और देशभक्ति के नारों ने रात्रि में युद्ध का वातावरण तैयार कर दिया था। सरकारी दल ने झाड़ियों मे छिपकर अपनी जान बचाई. बीरखम्ब का मैदान भगदड़ के उपरान्त जूतों और चश्मों से भरा पड़ा। जैंती, सालम,शहरफाटक से देवीधूरा तक का क्षेत्र लगभग आजाद हो गया। रोज ही जुलूस निकलते। क्षेत्र मे हुकूमत कमजोर पड़ जाने से अंग्रेजों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आईं और इस पूरे सालम क्षेत्र में पुनः प्रभावी ब्रिटिश राज की स्थापना के लिए जिलाधिकारी अल्मोड़ा ने बड़े स्तर हुकूमत को अपनी हनक बरकरार रखने का भ्रम बना रहा। इस कुर्बानी से आजादी की लड़ाई और तेज पर विचार-विमर्श किया और यह निर्णय लिया कि चूंकि सत्याग्रहियों द्वारा पूरे सालम क्षेत्र को 24-25 अगस्त 1942 को जैंती में एकत्रित होने का आह्वान किया है, सालम क्षेत्र का दमन करने का यह अच्छा मौका है। 1000 ब्रिटिश सैनिकों का दल 25 अगस्त को जैंती पहुंचा। स्थानीय जनता ने भारत माता की जय, शहीदों की जय के नारों के साथ ब्रिटिश फौज का मुकाबला किया। ब्रिटिश फौज ने गोलीबारी की, भीड़ तितरबितर होने लगी। इसी दौरान गोली लगने से चौगुना के नरसिंह धानक और कांडे के टीका सिंह कन्याल इस जनयुद्ध में शहीद हो गए। 1942 को सालम के धामद्यो में सालम के क्रांतिकारियों और अंग्रेजी सेना के बीच युद्ध हुआ। सालम के वीरों ने ब्रिटिश फौज की तोपों का मुकाबला पत्थरों से किया। जिसमें कई क्रांतिकारी घायल हो गए। अंग्रेजों ने आजादी के नायक प्रताप सिंह बोरा, मर्दू राम, डिकर सिंह धानक, उत्तम सिंह बिष्ट, राम सिंह आजाद, केशर सिंह जेल भेजा। इस सैनिक दमन का कोई विशेष प्रभाव नहीं हुआ लेकिन ब्रिटिश हो गई। सालम के संघर्ष को जनक्रांति कहा जाने लगा। अल्मोड़ा जनपद में अल्मोड़ा, चनौदा, द्वाराहाट, चौखुटिया मे भी व्यापक संघर्ष हुआ. द्वाराहाट के मदनमोहन उपाध्याय भी एक बड़े जननायक के रूप में उभरे। उधर पश्चिमी अल्मोड़ा मे सल्ट क्षेत्र में भी एक बड़ा आन्दोलन चल रहा था सितम्बर 1942 को खुमाड़ मे बडा गोलीकांड हुआ जिसमें 4 वीर शहीद हुए।मुख्यमंत्री श्री ने आज तहसील जैंती के धामदेव में सालम क्रांति दिवस के अवसर पर शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद नर सिंह एवं टीका सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस क्षेत्र के स्वतंत्रता सेनानी नर सिंह और टीका सिंह ने अंग्रेजों से लड़ते हुए 25 अगस्त 1942 को इस स्थान पर बलिदान दिया था। उनकी बरसी पर हर साल धामदेव में यह दिवस मनाया जाता है।मुख्यमंत्री ने कहा कि नर सिंह और टीका सिंह के जीवन से आज युवाओं को प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शहीदों का सम्मान स्वयं का भी सम्मान है। उन्होंने कहा कि देश ने पीएम के नेतृत्व में देश के वीर सपूतों को याद करते हुए आजादी का अमृत महोत्सव मनाया है, जिसके तहत आजादी के ऐसे अनगिनत अमर शहीदों को याद किया गया। उन्होंने हर घर झंडा अभियान में भागीदारी के लिए जनता जनार्दन का आभार व्यक्त कियाप्रभारी मंत्री ने 2023 में कहा कि सालम क्रांति देश एवं दुनिया में विशेष स्थान रखती है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए जैंती क्षेत्र का अहम योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आने वाले दिनों में सालम क्रांति में शहीद नरसिंह धानिक एवं शहीद टीका सिंह के बलिदान को कक्षा 12 तक के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि सालम क्रांति शहीद स्मारक के विभिन्न कार्यों को करने हेतु 25 लाख रुपए भी अवमुक्त किए जाएंगे। प्रभारी मंत्री ने कहा कि सरकार सबका साथ सबका विकास के मंत्र पर लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिए लगातार सरकार महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है। 2023 में उन्होंने कहा कि 6 से 12 तक की कक्षा के बच्चों को 70 प्रतिशत या उससे ऊपर नंबर लाने पर सरकार द्वारा छत्रावृति की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि जैंती अस्पताल में 1 करोड़ रुपए की लागत से व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जाएगा तथा डिग्री कॉलेज जैंती को भी 5 करोड़ रुपए दिए जाएंगे, देश की आजादी के स्वतंत्रता संग्राम में वीर शहीदों को याद करते हुए कहा कि सालम की धरती वीरों की धरती है। साथ ही कहा कि देश उनके बलिदान को कभी नहीं भूल पाएगा

ShareSendTweet
http://uttarakhandsamachar.com/wp-content/uploads/2025/02/Video-National-Games-2025-1.mp4
Previous Post

उत्तराखंड के सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में सोलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे

Next Post

पिलखड़ा (ल्वाणी) को श्री नंदा उत्सव राजराजेश्वरी संस्कृति संरक्षण मेले का आयोजन किया जाएगा

Related Posts

उत्तराखंड

लंबे समय से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थराली में रिक्त पड़े एक्स रे टेक्नीशियन पद पर मिली नियुक्ति

May 8, 2025
72
उत्तराखंड

डोईवाला : स्थानीय विधायक के गुमशुदा होने की रिपोर्ट लिखाई

May 8, 2025
53
उत्तराखंड

लक्ष्यों को पूरा करने के लिए तेजी से कार्य करेंः सीडीओ

May 8, 2025
13
उत्तराखंड

12 मई को खुलेंगे वांण स्थित लाटू धाम के कपाट, मुख्यमंत्री को किया आमंत्रित

May 8, 2025
33
उत्तराखंड

डोईवाला : स्कूली विद्यालयों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी

May 8, 2025
29
उत्तराखंड

उत्तराखण्ड हाई स्कूल व इण्टर बोर्ड परीक्षा 2025 में प्रथम स्थान में उत्तीर्ण मेधावी छात्रों को किया सम्मानित

May 8, 2025
17

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    0 shares
    Share 0 Tweet 0

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • Education
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • केदारनाथ
  • कोटद्वार
  • क्राइम
  • खेल
  • चकराता
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • जोशीमठ
  • जौनसार
  • टिहरी
  • डोईवाला
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बद्रीनाथ
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • रुद्रप्रयाग
  • विकासनगर
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • साहिया
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

लंबे समय से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थराली में रिक्त पड़े एक्स रे टेक्नीशियन पद पर मिली नियुक्ति

May 8, 2025

डोईवाला : स्थानीय विधायक के गुमशुदा होने की रिपोर्ट लिखाई

May 8, 2025
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.