नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क जोशीमठ एवं जनदेश स्वैच्छिक संगठन कल्प क्षेत्र भर्की उर्गम जोशीमठ के द्वारा थैग गांव मे आयोजित रिंगाल हस्तशिल्प प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिलाएं बढ़ चढ़कर भाग ले रही है और उन्होंने टोकरिया बनाना फूलदान, कड़ी,सोलटी, आदि सामग्री बनाना सीख रहे हैं मास्टर ट्रेनर राजेंद्र लाल के द्वारा रिंगाल के उत्पादन के बारे में भी लोगों को जानकारी दी कि लोग अपने गांव के आसपास इस पौधे को लगा सकते हैं जिससे कि लोगों को आसानी से रिंगाल प्राप्त हो सकता है आवश्यकता है कि हम लोग इसको एक बाजार के रूप में विकसित करें छोटी सामग्री रिंगाल हम की तैयार करते हैं। इसका दाम ज्यादा है और काम कच्चे माल में ज्यादा फायदा ले सकते हैं। इस अवसर पर जनदेश के वरिष्ठ कार्यकर्ता एवं मास्टर ट्रेनर रघुवीर सिंह चौहान ने लोगों को हस्तशिल्प उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकसित करने पर जोर दिया उन्होंने कहा कि पहाड़ों में हस्तशिल्प उद्योग की अपार संभावनाएं हैं जिसमें रिंगाल , कास्ट शिल्प,रेशा उद्योग विकसित हो सकता है। 10 दिन के प्रशिक्षण कार्यक्रम में बहुत कुछ नहीं सिखाया जा सकता किंतु बेसिक जानकारी और मॉडल बिल्डिंग का काम हो सकता है।