गोपेश्वर(लक्ष्मण सिंह नेगी) चमोली। वन अग्नि सुरक्षा के लिए ग्रामीणों को जागरूक करने का अलकनंदा भूमि संरक्षण विभाग चमोली के द्वारा एक अनूठी पहल की जा रही है देव डोलियों के सारे लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वनों में आग न लगाये ।वनों की सुरक्षा के उद्देश्य से वनाग्नि के सुरक्षा और पर्यावरण संवर्द्धन को लेकर अलकनंदा वन प्रभाग की ओर से अभियान चलाया जा रहा है। अब देखना होगा कि लोगों में कितनी जागरूकता आई है कि वह वनों को वन देवी का घर मानते हैं यह वन विभाग की भी अग्नि परीक्षा है और स्थानी जनता का भी जो देवी का स्वागत कर रहे हैं क्या वनों को बचाने में सहयोग करेंगे अलकनंदा वन प्रभाग की डीएफओ प्रियंका शुंडली ने कहा कि उत्तराखंड देव भूमि है। अधिकांश देवी देवताओं का वास गांवों के आसपास के जंगलों में रहता है। कहा कि जिसमें प्रमुख रूप से वन देवी का वास रहता है। उन्होंने आस्था जताते हुए महिलाओं से कहा कि देवी देवताओं का स्थान सुरक्षित रहना चाहिए। वनों में आग लगने से पशु-पक्षी और मंदिरों को नुकसान पहुंचता है। उन्होंने समस्त जनता वनों की सुरक्षा और पर्यावरण संवर्द्धन की शपथ दिलाई। वन सरपंच एसोसिएशन चमोली के जिलाध्यक्ष कैलाश खंडूड़ी ने वनों की सुरक्षा को आस्था से जोड़ते हुए वन विभाग के अधिकारियों की प्रशंसा की। वन क्षेत्राधिकारी आरके निराला ने कहा कि अब तक वन देवी डोली पांच दिनों मे जनपद के लगभग 30 गांवों का भ्रमण कर चुकी है। तथा जनपद के समस्त विकासखंड के गांवों में वन देवी डोली भ्रमण यात्रा संपादित की जाएगी। गढ़कला प्रयास संगम पौड़ी के कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक नया सवेरा और लोकगीत तथा सामुहिक गीतों से अपना आंख्यूं तैं ना झुकाया, मनखी तैं बतावा, वनों तैं बढ़ावा…, से लोगों को जागरूक किया। वन परामर्शदाता लखपत सगोई के संचालन में आयोजित गोष्ठी में वन पंचायत सरपंच सिमरी कल्पना नेगी, ममंद अध्यक्ष माहेश्वरी देवी, उर्मिला देवी, अंजू लडोला, अंजू नेगी, दयाल सिंह, गजैंद्र सिंह, देवैंद्र सिंह, गोपाल सिंह पुंडीर, वन दरोगा प्रमोद कुमार, अरमान कोहली, दिनेश रोधियाल, मोहन बिष्ट सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण और विभागीय कर्मचारी मौजूद थे।