रिपोर्ट – कमल बिष्ट/उत्तराखंड समाचार।
देहरादून। राज्य महिला आयोग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में सशक्त नारी सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन विशिष्ट अतिथि कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल, राज्यमंत्री मधु भट्ट, राज्यमंत्री विनोद उनियाल, आशा नौटियाल, नेहा जोशी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर किया। कार्यक्रम में सर्वप्रथम माँगल गीत से अतिथियों का स्वागत व गणेश वंदना से कार्यक्रम की शुरआत हुई। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के साथ प्रसिद्धि पाने वाली 13 महिलाओं को सम्मानित किया गया, कार्यक्रम में प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल (कुलपति दून विवि) शिक्षा के क्षेत्र में, प्रोफेसर रेनू प्रकाश शिक्षा के क्षेत्र में, डॉ० रीमा पन्त प्रौद्योगिकी शिक्षा में अनुभव आत्मक शिक्षा के क्षेत्र में, सुश्री पी रेणुका (डीआईजी पुलिस विभाग) महिला सुरक्षा के क्षेत्र में, डॉ० कंचन नेगी पत्रकारिता के क्षेत्र में, श्रीमती कृष्णा रावत डोभाल पत्रकारिता व करियर काउंसलिंग के क्षेत्र में, श्रीमती साधना शर्मा सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में, श्रीमती रमा गोयल सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में, श्रीमती वसुंधरा नेगी कला एवं नाटक मंचन के क्षेत्र में, कु. सृष्टि भारद्वाज लोक नृत्यांगना के क्षेत्र में, अदिति शर्मा ट्रांसवूमेन महिला उद्यमी स्वरोजगार के क्षेत्र में, श्रीमती हेमा परिहार महिला उद्यमी समूह द्वारा स्वावलंबन के क्षेत्र में, श्रीमती सुमन चौहान जैविक कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु सम्मानित किया गया।वर्चुअल रूप से जुड़ते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम में पहुंची मातृशक्ति को नमन व वंदन करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम और अभियान समाज के सभी पहलुओं पर विविधता और सशक्तिकरण के महत्व पर जोर देते हुए लैंगिक समानता हासिल करने में समावेशन की महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित करते हैं। इसी दृष्टिकोण से यह कार्यक्रम हम उन सभी 13 उत्कृष्ट महिलाओं को समर्पित करते हैं जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्र में अपनी प्रतिबद्धता के माध्यम से मिसाल कायम कर समाज में प्रगति और समानता का मार्ग प्रशस्त किया और अपनी एक अलग पहचान बनाई है। मुझे खुशी है कि यह कदम महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करने में सहायक होगा और समाज में महिलाओं की भूमिका को भी मजबूती प्रदान करेगा। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने मातृशक्ति को संबोधित करते हुए भावुक स्वर में कहा कि आठ मार्च के दिन मेरी माँ का निधन हुआ था और कुछ सालों बाद आठ मार्च के दिन ही घर में बेटी पैदा हुई। यह दिन पूरे परिवार का दिन रहा है। महिलाएं पहाड़ की रीढ़ है, आज महिलाएं खेती करना छोड़ दें तो उत्तराखंड में खेती का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। महिलाओं के अंदर काम करने को जो विधा है वो पुरुष में नहीं है। हिम्मत करनी चाहिए जो हिम्मत करता है उसे ही जीत मिलती है।उन्होंने कहा कि आज हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महिलाएं सशक्त हो रही हैं साथ ही हमारी सरकारें महिलाओं के लिए अत्यंत संवेदनशील है हमारी सरकार महिलाओं को हर प्रकार से सशक्त कर रही हैं। महिलाएं आज अपने दमखम देश दुनिया को दिखा रही है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बेटियों व महिला सुरक्षा के साथ-साथ हिंसा के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए आयोग द्वारा संचालित शपथ भी दिलाई। इस अवसर पर आयोग की अध्यक्ष व कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही कुसुम कण्डवाल ने कहा कि आज आयोग घरेलू हिंसा के केसों का समाधान करने के अलावा, महिला अधिकारों की रक्षा व जागरूकता हेतु कार्यक्रम करता है साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर रही महिलाओं को आगे लाकर उन्हें सम्मानित करने का भी काम करता है। उन्होंने कार्यक्रम में सभी का धन्यवाद करते हुए राज्य की समस्त मातृशक्ति को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिसव की शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम के दौरान संध्या जोशी जी की टीम द्वारा द्रोपदी नाटक का मंचन की प्रस्तुति दी गयी। कार्यक्रम का संचालन बीना गिरी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष राज रावत, सरोजिनी कैंत्यूरा, पूर्व उपाध्यक्ष सायरा बानो सहित आयोग की पूर्व सचिव सुजाता, आशारानी ध्यानी, रामिन्द्री मंद्रवाल, कामिनी गुप्ता, नेहा सिंह को भी आयोग अध्यक्ष द्वारा सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह कार्यक्रम के इस अवसर पर अर्चना बागड़ी, कविता शाह, माधवी गुप्ता, शांति मेहरा, शिखा कंडवाल, डीपीओ जितेंद्र कुमार, कंचन ठाकुर, स्वाति चमोली, अंजली मलेथा, शानू रावत, रीना सहित विभिन्न समूहों की महिलाएं व अन्य लोग उपस्थित रहे।