चमोली। उत्तर प्रदेश राज्य से अलग होने के 23 साल बाद भी उत्तराखंड राज्य से ये तस्वीरें आपको अक्सर देखने को मिलेंगी जो मानवता को शर्मसार कर देती है। आज भी लोग प्राथमिक उपचार गांव में नहीं कर पाते हैं प्राथमिक उपचार के लिए शहरों की ओर भागना पड़ता है।ये तस्वीर आज ग्राम सभा ईराणी दशोली ब्लॉक की है आज ईराणी गांव के युवक टिकेंद्र आज सुबह जंगल गया हुआ था अचानक बरसात की वजह से कही फिसल गया जिससे उसके पैर मैं चोट आ गई.जैसे तैसे गाँव के लोग घर तक लाये और फिर गाँव में कोई स्वास्थ्य सेवा ना होने की वजह से डंडी कंडी के सहारे जैसे तैसे गाँव से 10 किलोमीटर दूर पगना गाँव तक पहुंचाया वहां से फिर गोपेश्वर जिला चिकित्सालय तक पहुंचाया गया। दुःख इस बात का है कि प्रथम उपचार के लिए किसी भी मरीज को गाँव से 60 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। ग्रामीणों का आरोप है कि जितना पैसा चुनाव के समय शराव बाँटने में करते है उतने मैं हर गाँव मैं 1-1 हॉस्पिटल तो बन ही जाते थे। इस गांव के लिए 2014 से पूर्व प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क का प्रथम कटिंग का कार्य पूरा हो चुका था अभी तक सड़क नहीं बन पायी है। हर समय ग्रामीण लोगों को अपने गांव के बिमार को डंडी कंडी के सहारे अस्पताल पहुंचाना पड़ता है। दूरस्थ क्षेत्रों में आज भी स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल है सरकार जितने भी दावे करें आज भी ग्रामीण क्षेत्रों के लोग नरक का जीवन यापन कर रहे हैं नेताओं को स्थानीय जनता की यादे चुनाव के समय आती है।