फोटो-नीती घाटी के तमक में चटटान से लगातार हो रही पत्थरों की बारिश।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। लगातार आठवें दिन भी बन्द रही नीती घाटी की आवाजाही। एसडीएम ने मौके पर पंहुचकर वस्तुस्थिति का जायजा लिया।
भारत-तिब्बत सीमा से सटे नीती घाटी की आवाजाही लगातार ठप है। दोनों ओर सैकडों ग्रामीण फॅसे हैं।, घाटी में सचंार सुविधा भी ध्वस्त होने के कारण घाटी के गॉवों के समाचार भी नही मिल रहे है। घाटी के ग्रामीण अब हेली सेवा शुरू करने की मांग कर रहे है।
दरसअल नीती घाटी को जोडने वाला एक मात्र मोटर मार्ग सुराईथोटा से करीब आठ किमी0 आगे तमक के पास चटटान से पत्थरो की वारीश के कारण बन्द है। हॉलाकि 13अगस्त को बीआरओ की टीम व कुछ वाहन अवश्य जान जोखिम मे डालकर इस स्थान से पार अवश्य हुए है। लेकिन उसके बाद लगातार सडक बन्द है। तमक की इस चटटान से सूटिंग बोल्डर गिर रहे है, जिसके चलते बीआरओ को भी कार्य करने मे कठिनाई हो रही है। तमक मे सडक अवरूद्ध होने के कारण घाटी के ग्रामीण न केवल स्वाधीनता दिवस के एतिहासिक पर्व मे सिरकत करने से बचिंत रह गए ब्लकि अपने गॉवों मे वार्षिक पूजा के लिए जाने वाले ग्रामीण भी सुराईथोटा मे ही फॅसे है। करीब एक सौ अधिक लोग सडक खुलने के इंतजार मे सुराईथोटा मे फॅसे है। जबकि उस ओर भी नीचे की ओर आने वालो की संख्या भी काफी है।
सडक अवरूद्ध स्थल तमक मे एक ऐसी चटटान से पत्थरो व बोल्डर की वीरीश हो रही है कि वहॉ से पैदल चलना भी किसी खतरे से कम नही है। यही नही इस स्थान पर किसी भी प्रकार की वैकल्पिक पैदल मार्ग भी नही है जिससे आवागमन हो सके। बीआरओ की ओर से भी चटटान की ऊपरी ओर सर्वेक्षण किया गया, लेकिन चटटान पर जिस ऊॅचाई से पत्थर गिर रहे है वहॉ तक भी बीआरओ की टीम नही पंहुच सकी, जिसके चलते यह अभी भी ज्ञात नही हो पाया है कि पत्थरो की वर्षात होने वाले स्थान पर आखिर मलबा कितना है।
भलगॉव-सुराई थोटा के प्रधान लक्ष्मण सिंह बुटोला के अनुसार लगातार मार्ग अवरूद्ध होने व नीती घाटी मे संचार सुविधा ध्वस्त होने के कारण घाटी मे रह रहे लोगो के स्वास्थ्य व रशद की उपलब्धता की जानकारी भी नही मिल पा रही है। प्रधान बुटोला ने शासन-प्रशासन से यथा शीध्र हेली सेवा शुरू करने की मांग की है।
इधर जोशीमठ की एसडीएम कुमकुम जोशी ने मंगलवार को अवरूद्ध स्थल तमक पंहुचकर वस्तुस्थिति का जायजा लिया। संपर्क करने पर उन्होने बताया कि मौके पर तत्काल एनडीआरएफ की टीम को भेजा गया है, ताकि इस स्थान पर क्या कोई वैकल्पिक मार्ग आवाजाही के लिए तैयार हो सकता है!इस पर भी सर्वे कर रिर्पोट देगे। एसडीएम ने बताया कि फिलहाल प्रशासन द्वारा दोनो ओर फॅसे लोगो की सूची तैयार की जा रही है।
गौरतलब है कि अवरूद्ध स्थल तमक से आगे जुम्मा, जेलम, मलारी, कैलाशपुर, फरकिया, बाम्पा, गमशाली व नीती सहित अन्य गॉव है, जहॉ इन दिनो ग्रामीण ग्रीष्मकालीन प्रवास पर है, और वार्षिक पूजा के लिए परिवारो का आवागमन भी इन्ही दिनो रहता है। ऐसे मे सडक अवरूद्ध होने के कारण न केवल नीती घााटी के ग्रामीण ब्लकि सेना व अद्धसैनिक बलो को भी आवागमन की समस्या से जूझना पड रहा है।











