
थराली से हरेंद्र बिष्ट।
तो अब नही करेंगे प्रधानपति ग्राम पंचायत के कार्यों में हस्तक्षेप? जी हां बकायदा प्रधान एवं ग्राम पंचायत के वार्ड सदस्यों ने विकासखंड के जिम्मेदार अधिकारियों के सामने प्रस्ताव पारित कर खंड विकास अधिकारी थराली को प्रेषित किया है।
दरअसल विगत 24 अप्रैल को विकासखंड थराली के अंतर्गत ग्राम पंचायत रूईसाण की सामाजिक कार्यकर्ता पार्वती सोलियाल ने पंचायतीराज निदेशक देहरादून, जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी चमोली के साथ ही उपजिलाधिकारी एवं खंड विकास अधिकारी थराली को एक शिकायती पत्र भेज कर रूईसाण गांव की प्रधान के पति पर अनावश्यक रूप से ग्राम पंचायत के रोजगार परक विकास कार्यों में हस्तक्षेप करने, उप प्रधान सहित गांव के वार्ड सदस्यों को धमकाने सहित अन्य आरोप लगाते हुए एक शिकायती पत्र भेजा था।
बीडीओ थराली ने सहायक विकास अधिकारी पंचायत को जांच अधिकारी नामित कर जांच रिपोर्ट उन्हे सौंपने के निर्देश दिए थे। एडीओ पंचायत ने 19 मई को गांव में एक बैठक की, जिसमें उन्होंने बिना शिकायतकर्ता के किसी तरह की जांच नहीं करने की बात कह कर वापस लौट पड़े। जिस पर शिकायतकर्ता के साथ ही गांव के उप प्रधान सहित चार वार्ड सदस्यों ने एसडीएम व बीडीओ को पुनः पत्र लिखकर प्रधानपति पर आरोप लगाने के साथ ही जांच अधिकारी पर प्रधानपति से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए जांच अधिकारी को बदलने की मांग की।
गत दिवस सहायक खंड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी पंचायत, ग्राप पंचायत विकास अधिकारी की उपस्थिति में गांव की एक बैठक आयोजित हुई, जिसमें प्रस्ताव पारित किया गया कि अब आगे से प्रधानपति गांव की बैठकों में हस्तक्षेप नही करेंगे। साथ ही हर माह पंचायत की बैठक आयोजित की जाएगी। इससे संबंधित खंड विकास अधिकारी को एक संयुक्त हस्ताक्षर युक्त पत्र भेजा गया है, जिसमें प्रधानपति के द्वारा अब ग्राम पंचायत के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं करने की बात कही गई है। और साथ ही प्रधानपति के द्वारा ग्राम पंचायत के कार्यों में अनावश्यक हस्तक्षेप करने की शिकायत को निस्तारित मानने की बात लिखी गई है। इस पत्र में ग्राम प्रधान पार्वती देवी, उप प्रधान पप्पू सोलियाल, वार्ड सदस्य मंजू देवी, जयवीर राम, संगीत देवी, देवकी देवी, बबली देवी जानकी देवी, भगोत सिंह सहित कई ग्रामीणों के हस्ताक्षर मौजूद हैं।












