देहरादून। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव 2022 की अधिसूचना जारी हो चुकी है। भारत निर्वाचन आयोग ने कोविड की तीसरी लहर आने के मध्यनजर कड़े नियम लागू किये हैं। कोविड की तीसरी लहर जो दिन ब दिन भयानक रूप ले रही है वही भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री, मंत्रियों के कार्यक्रम और रैलियों के आयोजन कर चुके हैं। कांग्रेस भी इसमे पीछे नहीं है। राहुल गाँधी की रैली हो चुकी है। वहीं आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल ने तो खुद कोविड पॉजिटिव होने पर भी देहरादून में रैली की। भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने रैलियों के माध्यम से उत्तराखंड में कोरोना फैलाने का काम किया।
राज्य के व पिछली सरकार के तीसरे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विधानसभा चुनाव के मध्यनजर हजारों कोरी घोषणाओं के बदौलत पुनः सत्ता पाना चाहते हैं। सन 2001 पुलिस भर्ती सिपाहियों को ₹4600 ग्रेड पे की घोषणा एक उदाहरण है। 2017 के विधानसभा चुनाव घोषणा पत्र भाजपा का 100 दिन में लोकायुक्त लागू किया जायेगा, ऐसा तो नहीं कर पायी, लेकिन इन पाँच वर्षों में भ्रष्टाचार के सिवाय कुछ नहीं दिया। पांच वर्षों में भाजपा ने अपनों की बेरोजगारी दूर की। पाँच वर्ष में तीन मुख्यमंत्री देना, ये उपलब्धि जनता अच्छी तरह जानती है। 14 फरवरी को मतदान के दिन उत्तराखंड कि जनता जीरो टोलरेंस सरकार को मुँह तोड़ जबाब देगी।