थराली से हरेंद्र बिष्ट।
प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज के द्वारा राज्य के प्रदेश के ब्लाक प्रमुखों को खंड विकास अधिकारियों की वार्षिक गोपनीय आख्या एसीआर लिखने की घोषणा के बाद त्रिस्तरीय पंचायतों को मजबूत बनाने की सरकार की ओर से बढ़ते कदमों के रूप में देखा जा रहा है। एक तरह से कहा जाए कि इससे पंचायत प्रतिनिधि मजबूत होंगे तो गलत नहीं होगा।
सन् 1992 में 73वें संविधान संशोधन के बाद त्रिस्तरीय पंचायत अस्तित्व में आने के बाद से जब.तब पंचायत प्रतिनिधियों को अधिकार संपन्न बनाने की मांग उठती रही है। किंतु आज तक भी उन्हें अपेक्षित अधिकार नहीं मिल पाए हैं। जिससे पंचायतें मजबूत होने के बजाय कमजोर होती जा रही हैं। इन्ही मांगों में ब्लाक प्रमुखों के द्वारा बीडीओ की एसीआर लिखने की भी मांग प्रमुख रही है। इसके तहत 2005 में प्रमुखों को एसीआर लिखने का प्राविधान तो किया गया किंतु उसे आज तक भी लागू नहीं किया जा सका है। जिस पर इस साल प्रमुख संगठन उत्तराखंड ने जोरदार ढंग से मांग सरकार के सम्मुख रखी और राज्य के पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज के द्वारा इस मांग को मानते हुए बीडीओ की एसीआर लिखने का अधिकार प्रमुखों को देने की घोषणा कर दी। जिस पर प्रमुख संगठन में इन दिनों काफी अधिक खुशी है।
प्रमुख संगठन के प्रदेश अध्यक्ष एवं देवाल के ब्लाक प्रमुख डॉ दर्शन दानू का कहना है कि एसीआर लिखने का अधिकार मिलने के बाद ग्रामीण विकास कार्यों में तेजी आएगी। और बीडीओ सहित ब्लाक के अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों और अधिक जम्मेदारी से कार्य करेंगे। उन्होंने सैद्धांतिक रूप से इस मांग को मानने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज का आभार जताते हुए कहा कि इस कदम के बाद प्रमुखों की जिम्मेदारी भी बढ़ना तय है। प्रमुख ने ग्राम पंचायतों के भवनों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय मिनी सचिवालय के रूप में विकसित करने, प्रमुखों के लिए शासकीय कार्यों को निपटाने एवं इनमें गति लाने के लिए एक निजी सहायक देने की घोषणा का भी स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम भी पंचायतों को मजबूती प्रदान करने में मील का पत्थर साबित होगा।