फोटो– भगवान नृसिंह का मंदिर जहाॅ गीता जयंती पर गीता पाठ का आयेाजन किया गया।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। गीता जंयती के अवसर पर नृसिंह मंदिर मे गीता पाठ का आयोजन किया गया। अब 21दिसबंर से शुरू होगा पंाडव नृत्य का आयोजन।
जोशीमठ मे 21दिसबंबर से आयेाजित होने वाले पंाडव नृत्य धार्मिक अनुष्ठान से पूर्व गीता जंयती के अवसर पर भगवान नृंिसहं के मंदिर मे देव पुजाई समिति द्वारा सामूहिक गीता पाठ का आयोजन किया गया । भगवान कृष्ण ने कुरूक्षेत्र मे पहली बार अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था , इसीलिए प्रतिवर्ष मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गीता जंयती पर्व मनाया जाता है। गीता ही एक मात्र ऐसा ग्रंथ है जिसकी जयंती मनाई जाती है।
नृंिसहं मंदिर मे पहली बार गीता जयंती पंर्व मनाया गया। इस अवसर पर श्रद्धालुओ ने करीब दो घंटे गीता पाठ किया। नृसिंह मंदिर के पुजारी पंडित रघुनंन्दन प्रसाद डिमरी के अलावा देव पुजाई समिति के सचिव उमेश सती,, बलवंत ंिसहं रावत, नृसिंह-नवदुर्गा सेवा समिति के अध्यक्ष भगवती प्रसाद कपरूवाण, पंडित आशीष सती, मंहिला मंगल दल की ओर से प्रेमलता विष्ट, नृंिसंह मंदिर वार्ड से पालिका सभासद गौरव नंबूरी आदि ने गीता पाठ का वाचन किया।
गीता पाठ के उपंरात मठागंण मे देव पुजाई समिति के उपाध्यक्ष आदित्य भूषण सती की अध्यक्षता मे हुई बैठक मे पांडव नृत्य की रूप-रेखा तय की गई। पांडव नृत्य इस वर्ष सलूड-डुंग्रा के ढोल वादक व वहीं के पश्वा की देखरेख मे संपन्न किया जाऐगा। इस बैठक मे तय हुआ कि 21दिसबंर से पंाडव नृत्य का आयोजन शुरू होगा और 23दिसबंर को पौराणिक पंाडव मंदिर से पांडवो के अस्त्र-शस्त्रो को पांडव नृत्य मंचन स्थल मठांगण लाया जाऐगा। और 23दिसबंर से अगले नौ दिनो तक दिन व रात्रि को पंाडव नृत्य धार्मिक अनुष्ठान होगे। इस बार पंाडव नृत्य के दौरान गेडां बध से पूर्व चक्रब्यूह मंचन भी प्रस्तावित है इसके लिए सभी प्रकार की तैयारियाॅ देव पुजाई समिति द्वारा की जा रही है।
इस बैठक मे राम ंिसंह विलगंवाल, विजय डिमरी, सतीश च्रद भटट, प्रताप सिंह पंरमार,,गोविंद प्रसाद भटट,बीपी कपरूवाण , गौरव नंबूरी,,अयोध्या सिंह नेगी, बीरेन्द्र सिह नेगी, के अलावा पंाडव के पश्वा मौजूद थे।