फोटो- भूस्खलन प्रभावित सेमा क्षेत्र में वृक्षारोपण करते पालिकाध्यक्ष शैलेन्द्र पवंार व अन्य।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। भूस्खलन से बचाने के लिए जोशीमठ के निचले इलाकों में वृक्षारोपण। अलकंनदा वन प्रभाग द्वारा पूर्व मंे इसी क्षेत्र के करीब दस हैक्टेयर भूमि मे वृक्षारोपण किया जा चुका है।
एनटीपीसी , अलकनंदा भूमि संरक्षण वन प्रभाग व स्थानीय समाज के संयुक्त तत्वाधान मे बुधबार को जोशीमठ के निचले क्षेत्र सेमा से अलकंनदा के तट तक वृक्षारोपण किया गया। यह क्षेत्र भूस्खलन की दृष्टि से अत्यंन्त संवेदनशील है। और लगातार भूस्खलन के कारण जोशीमठ को भी खतरा बना हुआ है। अलकनंदा भूमि संरक्षण वन प्रभाग को इस क्षेत्र मे 11हजार पौधों के रोपण का लक्ष्य दिया गया था। जिसे विभाग द्वारा बीते 15जुलाई से 15 के बीच रोपण किया जा चुका था। अब पुन छूटे हुए क्षेत्र मे संयुक्त रूप से वृक्षारोपण किया गया। जिसमे स्थानीय समुदाय के अलावा एनटीपीसी व अलकंनदा वन प्रभाग के कर्मी भी मौजूद रहे।
अलकंनदा वन प्रभाग के वन क्षेत्राधिकारी पीएस बुटोला के अनुसार दस हैक्टैयर भूमि मे विभाग पूर्व मे ही पौधारोपण कर चुका है। बुधबार को भी करीब एक सौ पौधो का रोपण किया गया। जिनमे बाॅज, भेमल, खडीक, मोरू, अंगू, पदम के पौधो के साथ ही स्लाइडिंग वाले जोन मे रिंगाल, पापलर, मजनू आदि के पौधो का रोपण किया गया।
सेमा क्षेत्र मे हुए वृक्षारोपण कार्यक्रम मे सेमा गाॅव निवासी कुशलानंद सकलानी, नितिन सेमवाल के अलावा नगर पालिकाध्यक्ष शैलेन्द्र पंवार, पूर्व ईओ बीपी कपरूवाण, एनटीपीसी के सीडी तिवारी, एसएस पंवार, एके घिल्डियाल, पूर्व पालिकाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, आर एस जयारा, देवेश्वरी देवी, बीएस मीना, व अलकंनदा वन प्रभाग के वन क्षेत्राधिकारी पीएस बुटोला सहित अनेक लोग शामिल हुए।