देहरादून। यूकेडी के निवर्तमानयुवा प्रकोष्ठ केंद्रीय अध्यक्ष राजेंद्र बिष्ट ’ठुमका’ अल्बम में पहाड़ी संस्कृति को अश्लीलता प्रदर्शन करने को लेकर रिपोर्ट दर्ज कराने हेतु पुलिस महानिदेशक कार्यालय सुभाष रोड पर धरने में बैठे थे, जिन्हे पुलिस ने गिरफ्तार करके डालनवाला थाना ले गई।
उत्तराखण्ड क्रांति दल युवा प्रकोष्ठ द्वारा पुलिस महानिदेशक कार्यालय में ठुमका गाने को हटाये जाने को लेकर धरने का कार्यक्रम रखा गया। युवा उक्रांद के निवर्तमान केंद्रीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि पिछले दिनों यू ट्यूब पर ठुमका नाम से गढ़वाली गाना डाला गया। जिसमे पहाड़ की संस्कृति को धूमिल करने का प्रयास किया गया। साथ ही सस्ती लोकप्रियता बटोरने के लिये अश्लीलता परोसी गयी है। महिला कलाकार को खटिया में ले जाए जाने के साथ ही उसके उपर शराब गिराया गया है। बिष्ट ने कहा कि इस वीडियो को यू ट्यूब में डालने के बाद से ही उक्रांद के साथ ही कई सामाजिक संगठनों ने इसके विरोध में एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। उक्रांद युवा प्रकोष्ठ ने इस विषय पर एसपी सिटी देहरादून को भी एफआईआर के लिए ज्ञापन सौंपा। लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी इस विषय पर कोई कारवाई नहीं की गयी।
धरने पर बैठे उक्रांद के कार्यकर्ताओ को गिरफ्तार किया गया। तत्पश्चात पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता श्री बी डी रतूड़ी, डॉ शक्ति शैल कपरुवाण, सुनील ध्यानी, दीपक गैरोला, विजेंद्र रावत, शिव प्रसाद सेमवाल ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से वार्ता की व रोष प्रकट किया कि अगर ठुमका अल्बम को प्रतिबंधित करते हुए मुकदमा दर्ज नहीं किया गया, जिसकी शिकायत युवा अध्यक्ष राजेंद्र बिष्ट द्वारा करायी हैं, तब तक उक्रांद चुप नहीं बैठेगा। उत्तराखंड संस्कृति को अश्लील पेश करने वालों को बख्सेगा नहीं।
पुलिस प्रशासन द्वारा गिरफ्तार युवा प्रकोष्ठ के बृज मोहन सजवाण, अंकेश भंडारी, श्याम रमोला, पछवादुन जिलाध्यक्ष गणेश काला, रविंद्र ममगाई, प्रीति थपलियाल, लुसुन् टोडरिया, अजीत पँवार आदि को रिहा किया गया। इस अवसर पर गीता बिष्ट, रेखा मिंया, विजय बौडाई, दीपक रावत आदि उपस्थित रहे।