थराली से हरेंद्र बिष्ट।
गढ़वाल की पिंडर घाटी एवं कुमाऊं की कत्यूर घाटी के लोगों के बीच दशकों से मशहूर देवाल कौथिग सांस्कृतिक एवं पर्यटन मेले का शुभारंभ इस साल महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर 1 मार्च से होगा। इस साल मेले का आयोजन तीन दिवसीय रखा गया है। जिसके लिए आयोजन कमेटी ने तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।
दशकों से पिंडर एवं कैल नदी के संगम पर स्थित होने वाले देवाल कौथिग को स्थानीय जागरूक लोगों के द्वारा 2008-2009 में और वृहद रूप से आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इसके तहत इस मेले को देवाल कौथिग सांस्कृतिक एवं पर्यटन विकास मेले के नाम से आयोजित किया गया। पहले वर्ष में ही मेले को अपेक्षा के अनुरूप सफलता मिली। इसके बाद से लगातार मेले का आयोजन किया जाता रहा किंतु 2020 एवं 2021 में कोरोना महामारी का असर देवाल कौथिग पर भी पड़ा और मेले का आयोजन स्थगित रखा गया।
किंतु इस बार कोरोना की तीसरी बेग का प्रभाव घटने के बाद पुनः कौथिग के आयोजन का निर्माण लिया गया। इसके तहत मेला कमेटी का गठन किया गया हैं। इसके तहत हरीश पांडे को अध्यक्ष, देवाल के ब्लाक प्रमुख डॉ दर्शन दानू को संरक्षक, जितेंद्र बिष्ट व सुरेंद्र खत्री को महामंत्री, व्यापार संघ अध्यक्ष सुरेंद्र रावत, सांसद प्रतिनिधि नरेन्द्र बिष्ट, लखन रावत, केडी मिश्रा, महावीर बिष्ट, आलम सिंह बिष्ट, पिंडारी संघर्ष समिति के अध्यक्ष युवराज बसेड़ा, कमल गड़िया, तेजपाल रावत, पूर्णा प्रधान मनोज कुमार अरविंद भंडारी आदि को मेला कमेटी में रखा गया हैं।मेला कमेटी के अध्यक्ष ने बताया कि मेले का शुभारंभ 1 जनवरी व समापन 3 जनवरी को होगा।इस बार मुख्य पांडाल थराली.देवाल टैक्सी स्टेड़ पर लगाया जाएगा। मेरे को आकृष्क बनाने के लिए राज्य की प्रमुख सांस्कृतिक दलों को आमंत्रित किया गया है। इधर मेले में भाग लेने के लिए बहारी क्षेत्रों के दुकानदारों का देवाल में पहुंचने का सिलसिला भी शुरू हो गया हैं जिससे देवाल क्षेत्र में चहल.पहल बढ़ गई है।