थराली से हरेंद्र बिष्ट।
पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर इस साल भी राज्य के कर्मचारियों ने आज पूरे दिन अपनी बांह में काली पट्टियां बांध कर काम किया, जबकि रात्रि को अपना विरोध जताते हुए रात 8 से 9 बजे तक अपनी घरों की बिजली बंद रख कर काला दिवस मनाया।
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर पूरे प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर सोशल मीडिया से लेकर अन्य साधनों से मांग करते हुए कर्मचारी सरकार पर दबाव बनाते देखे गए। संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय महासचिव सीताराम पोखरियाल ने एक विज्ञप्ति में बताया कि सरकारी कर्मचारियों के विरोध के बावजूद भी 1आक्टूबर 2005 में सरकार ने कर्मचारियों की पेंशन बंद कर दी। इसके बाद लगातार आंदोलनों के बावजूद सरकार कर्मचारियों की जायज मांगों को मानने के लिए तैयार नही है। जबकि विधायकए सांसदों के शपथग्रहण के बाद से ही वें पेंशन के हकदार बन जातें हैं और कर्मचारी 35.40 साल सेवा करने के बाद सूखे घरों को जाने पर मजबूर हों गए हैं। बताया कि पिछले तीन सालों से सरकार को जगाने के लिए कर्मचारी 1 अक्टूबर को काला दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं। बताया कि मोर्चा के प्रांतीय अध्यक्ष मुकेश प्रसाद बहुगुणा के आह्वान पर आज का विरोध पूरे प्रदेश में सफल रहा हैं।
महासचिव सीता राम पोखरियाल ने बताया कि आगामी 9 अक्टूबर से राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत के नेतृत्व में पेंशन न्याय यात्रा निकाली जा रही है स जो श्रीनगर के लाल चौक से प्रारंभ होकर कन्याकुमारी में संपन्न होगाए इसके जरिए देशभर में पुरानी पेंशन बहाली की अलख को तेज किया जाएगा। बताया कि उत्तराखंड में कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रांतीय महिला अध्यक्ष बबीता रानीए प्रांतीय उपाध्यक्ष डीसी पसबोला, प्रांतीय प्रवक्ता डॉ कमलेश कुमार मिश्र, प्रांतीय कोषाध्यक्ष रणवीर सिंह सिंधवाल, प्रांतीय प्रभारी विक्रम सिंह रावत, प्रदेश आईटी सेल प्रभारी अवधेश सेमवाल, योगेश घिल्डियाल, रविशंकर गोसाई, रवि बगौटी, पल्लव जोशी, हीरा भट्ट, जयदीप रावत, जसपाल सिंह रावत, अनिल बडोनी, देवेंद्र बिष्ट, मिलिंद बिष्ट, भवान सिंह नेगी, नरेश कुमार भट्ट, प्रवीण घिल्डियाल, अंकित रौथाण, पूर्ण सिंह फरस्वान, रश्मि गौड़, मुरली मनोहर भट्ट, राजीव उनियाल, राकेश रावत, मनोज भंडारी, सतीश कुमार सिंह आदि को विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है।