कमल बिष्ट।
देहरादून। विधानसभा के मानसून सत्र में प्रदेश के वन, पर्यावरण, श्रम, उर्जा, कौशल विकास मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान सत्ता पक्ष व विपक्ष द्वारा उठाये गये प्रश्नों का जवाब दिया। प्रश्नकाल के दौरान माननीय सदस्यों द्वारा जनहित से जुडें कई प्रश्न मंत्री से पूछे गए, मंत्री ने बड़ी सहजता के साथ जवाब देकर विपक्ष के विधायकों को सतुष्ट किया।
विपक्ष की तरफ से विधायक मनोज रावत ने प्रदेश में वन्य जीव संरक्षण और बंदरों को लेकर सवाल किया तो वन मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत द्वारा सटीक जवाब देकर सदस्य को सतुष्ट किया। जिसके कारण कोई दूसरा सवाल नहीं उठ पाया। सत्ता पक्ष के विधायक देशराज कर्णवाल द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में स्थापित समस्त उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों के हटाये जाने, न्यूनतम वेतन व श्रमिकों के शोषण को राकने के संबंध में सवाल किया गया। जिस पर मंत्री ने कहा समस्त उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों निकाले जाने के तथ्यों की पुष्टि नहीं होती। लॉकडाउन के बाद न्यूनतम वेतन न दिये जाने के संबंध में कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं है तथा समय.समय पर व्यवस्था के अनुसार कारखानों का निरीक्षण कर श्रम कानूनों के प्रतिपालन की जांच की जाती है। अगर कोई ऐसा मामला संज्ञान में आता है तो उसकी जांच कराकर उस उद्योग पर उचित कार्यवाही की जायेगी।
सत्ता पक्ष के विधायक उमेश शर्मा काउ ने सवाल पूछा कि सरकार द्वारा रिस्पना नदी के उद्गम स्थल पर हुये वृहद कार्यक्रम पर लाखों की संख्या में वृक्षारोपण कार्यक्रम करके विश्व रिकॉर्ड बनाया था, परन्तु अब वहां कितने पेड़ जिंदा हैं? इस प्रश्न का मंत्री जी द्वारा बड़ी ही विनम्रता व मुस्कान भरे अदांज में इसका जवाब दिया। इस तरह से अनेक सदस्यों द्वारा प्रश्नकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण प्रश्न उठाये गये जिनका मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत द्वारा विनम्रतापूर्वक जवाब देकर सदस्यों को संतुष्ट किया तथा सदस्यों को आश्वस्त किया कि जो भी जनहित के प्रश्न उठाये गये हैं उनका शीघ्र निस्तारण किया जायेगा।












