फोटो- मौके पर मौजूद बीआरओ के अधिकारी।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। ऋषि गंगा मे बढते जल स्तर के कारण रैणी में बना वैली ब्रिज खतरे की जद में आ गया है। एक तरफ के एबेडमेंट के ढहने का खतरा बढ गया है। बीआरओ ने ब्रिज को बचाने के लिए देर रात्रि से ही कार्य शुरू कर दिया है।
बीते तीन दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के बाद एक बार फिर ऋषि गंगा का जलस्तर बढ गया है। लगातार बढते जल स्तर ने रैणी मंे बीआरओ द्वारा बनाए गए वैली ब्रिज को भी खतरा हो गया है। इस वैली व्रिज के एक ओर के एबेडमेंन्ट की क्रेट वाल खिसकने से पुल के क्षतिग्रस्त होने का अंदेशा बढ गया है। सूचना मिलने पर बीआरओ की 21 टास्क फोर्स के कमांडर कर्नल मनीष कपिल ने अधिकारियों के साथ मौके पर पंहुचकर वस्तुस्थिति का जायजा लेते हुए अधीनस्थ अधिकारियो को पुल को बचाने के लिए रात्रि से कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। मौके पर हाईमास्क लाइट व अन्य जरूरी उपकरण पहंुचने शुरू हो गए हैं। श्री कपिल के अनुसार यदि रात्रि को पानी का बहाव तेज नही हुआ तो ब्रिज को बचा लिया जाऐगा।
गौरतलब है कि बीती 7 फरवरी को ऋषि गंगा मे आए जलजले के बाद जोशीमठ-मलारी मोटर मार्ग पर रैणी मे निर्मित मोटर पुल मे इस आपदा की भेंट चढ गया था। पुल टूटने के बाद सीमावर्ती गाॅवों व भारत-तिब्बत सीमा का संडक संपर्क एकदम कट गया था। बीआरओ ने उक्त स्थान पर वैली ब्रिज लाॅच करने की योजना तैयार की और दो सौ फीट लंबे व तीस टन वनज वहन करने की क्षमता का वैली ब्रिज रिकार्ड समय मे तैयार किया। लेकिन अब एक बार फिर ऋषिं गंगा का जलस्तर बढने से पुल पर खतरा मंडराने लगा है।
बीआरओ ने आस-पास के क्षेत्रों से भी मजदूरो व मशीनिरी को मौके पर बुला कर ब्रिज को बचाने की कवायद शुरू कर दी है।












