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01-नव निर्मित रैणी वैली ब्रिज से यातायात शुरू करने से पूर्व पूजा-अर्चना करते मुख्य अभियंन्ता।
02- उदघाटन के बाद मुख्य अभियन्ता श्री राठौड वैली ब्रिज से निकलते हुए।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। बीआरओ ने रिकार्ड समय में तैयार किया वैली ब्रिज। सीमाआंे तथा सडक संपर्क से कट चुके गाॅवों की यातायात व्यवस्था बहाल हुई। शिवालिक परियोजना के मुख्य अभियन्ता एएस राठौड ने पूजा/अर्चना कर विधिवत शुभांरम्भ किया।
ऋषि गंगा त्रासदी के दिन सात फरवरी को रैणी मंे सीमा को जोडने वाला एक मात्र मोटर वाहन पुल भी जलजले की भेंट चढ गया था। उस दिन से रैणी से आगे के गाॅवों तथा सीमाओं तक वाहनों की आवाजाही ठप हो गई थी। सीमा सडक संगठन ने बिना देरी के तत्काल मौके पर पंहुचकर उस स्थान पर वैली ब्रिज लाॅच किए जाने की येाजना पर कार्य शुरू किया और सर्वे कर दोनांे ओर एबेडमेंट निर्माण के लिए स्थल चयन किया। और रिकार्ड समय में दो सौ फीट लंबा व करीब 30 टन वजन वहन करने की क्षमता वाला वैली ब्रिज तैयार किया।
ऋषि गंगा आपदा के दूसरे दिन ही बीआरओ की शिवालिक परियोजना के मुख्य अभियन्ता एएस राठौड ने रैणी पंहुचकर वैली ब्रिज के लिए साइड सलेक्सन व सर्वे का कार्य पूरा कराया व कई दिनो तक स्वय मौके पर मौजूद रहकर एबेडमेंट का कार्य करवाया। इस दौरान बीआरओ को कई समस्याओ से भी जूझना पडा। सभी दिक्कतो को दूर करते हुए आखिरकार सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए वाहनो की आवाजाही शुरू हो सकी।
शुक्रवार को बीआरओ की शिवालिक परियोजना के मुख्य अभियन्ता अतिविशिष्ठ सेवा मेडल व विशिष्ठ सेवा मेडल से सम्मानित ए0एस0राठौड ने रैणी वैली ब्रिज के शुभांरभ से पूर्व पूजा-अर्चना की और सुखद यातायात की कामना की। इस मौके पर उन्होने कहा कि आपदा के दूसरे दिन ही वे यहाॅ पंहुच गए थे। यहाॅ पंहुचकर साइड सलेक्शन का कार्य किया और जहाॅ सलेक्सन किया गया वहाॅ तीस से चालीस मीटर ऊॅचाई तक मलबा भरा था करीब 15मशीनों को झोंक कर दो दिन मे मलबा साफ कर एबेडमेंट का कार्य शुरू किया गया। श्री राठौड ने बताया कि वैली ब्रिज के पार्टस भारी होते है और इन्है कई स्थानो जैसे जम्मू, पठानकोठ धारचूला आदि क्षेत्रो से सैकडो वाहनो की मदद से कार्यस्थल तक पंहुचाया गया।
मुख्य अभियन्ता ने बताया कि दो सौ फीट लबेे व तीस टन वनज सहन करने की क्षमता वाले इस ब्रिज केो बनाने मे कई दिक्कतो का सामना करना पडा लेकिन शिवालिक प्रोजेक्ट व 21टास्क फोर्स की टीम ने दिन रात मेहनत कर रिकार्ड समय मे इस व्रिज को तैयार किया है। उन्होने रिकार्ड समय मे पुल तैयार किए जाने के लिए स्थानीय नागरिको व राज्य सरकार के सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
रैणी वैली ब्रिज उदघाटन के अवसर पर मुख्य अभियन्ता श्री राठौड के अलावा इंजीनियर वक्र्स कर्नल बीएस सोनी, 21टास्क फोर्स के द्वितीय कमान अधिकारी अरविन्द कुमार, 75सडक निर्माण कपंनी के कमान अधिकारी मेजर सच्चू सी, 123सडक निर्माण कंपनी के कमान अधिकारी मेजर परूषरमन, इंजीनियर विष्णु माया व इंजीनियर भावना जोशी सहित अनेक अधिकारी,कर्मचारी मौजूद रहे।
21टास्क फोर्स के कमाडिंग आफीसर कर्नल मनीष कपिल के अनुसार रैणी मे पक्के पुल के निर्माण की योजना पर कार्य शुरू कर दिया गया है। शीध्र ही साइड सलेक्सन कर पूर्व की भाॅति पक्के पुल का निर्माण भी किया जाऐगा।
गौरतलब है कि रैणी आपदा मे एक मात्र मोटर वाहन पुल के ध्वस्त हो जाने के बाद से दर्जनो गौवों के साथ ही सीमा का संडक संपर्क कट चुका था। गौवों मे राज्य सरकार द्वारा हेलीकाफ्टर के माध्यम से राशन व जरूरी सामानो की आपूत्र्रि की गई। इस बीच सेना ने रैणी मे एक पैदल पुल का भी निर्माण किया था। लेकिन अब वाहनो हेतु पुल निर्माण होने से सीमांत वासियों ने राहत की सांस ली है।