फोटो-उर्गम घाटी मे श्री राममंदिर निर्माण समपर्ण अभियान के शुभारंभ अवसर पर मौजूद रामभक्त।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। पंच बददी व पंच केदारों की भूमि उर्गम से श्री राम मंदिर निमार्ण समर्पण अभियान की शुरूवात हुई। बडी संख्या मे धाटी के ग्रामीणों ने मंदिर निमार्ण के लिए समपर्ण निधि का योगदान किया।
करीब पाॅच सौ वर्षो के लबे अंतराल के उपरांत भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या मे भब्य राममंदिर निर्माण की शुरूवात हुई है। श्री राम भूमि तीर्थ क्षेत्र के पदाधिकारियों ने सर्वसम्मत फैसला लिया कि भगवान श्री राम के मंदिर का निमार्ण रामभक्तों द्वारा दी गई समपर्ण राशि से किया जाय। इसी उदेश्य से देश के प्रत्येक परिवार को इस महायज्ञ से जोडने की मुहिम शुरू हुई। मकर संक्राति से शुरू हुए इस अभियान मे श्री रामभक्तों की टोली ने घर-घर गाॅव-गाॅव पंहुचना शुरू कर दिया है।
सीमांत पैनखंडा जोशीमठ मे न्याय पंचायत हेलंग,व न्याय पंचायत द्वीगं-तपौण की रामभक्त टोली द्वारा इस कार्यक्रम का शुभांरभ पंच बदरी व पंच केदारों की धरती मे विराजमान भगवान कल्पेश्वर के मंदिर से किया गया। जिसमे बडी संख्या मे उर्गम घाटी के ग्रामीणों ने सिंरकत की। और खुले मन से जय श्री राम के उदघोष के साथ समपर्ण निधि समर्पित की।
इससे पूर्व उर्गम मे आयेाजित धार्मिक सभा का आयोजन हुआ जिसे संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विभाग संघ चालक राजेन्द्र भण्डारी ने कहा कि करीब 492वर्षो तक अनवरत संघर्ष के बाद यह मुकाम हासिल हुआ हैं। इस काल ख्ंाड मे लाखों रामभक्तों ने श्री राम मंदिर निर्माण के लिए अपना सवौच्च बलिदान दिया। लेकिन यह हम सबका सौभाग्य है कि हमलोग भगवान श्री राम मंदिर के निमार्ण मे सहभागी बन रहे है। उन्होने उपस्थिति सभीा रामभक्तो से समपर्ण निधि की भेंट कर राम काज के इस पुनीत यज्ञ मे सहभागी बनने का आवहान किया।
उर्गम घाटी मे आयेाजित समपर्ण अभियान की इस धार्मिक सभा मे विहिप के विभाग अध्यक्ष देवी प्रसाद देवली, विहिप के प्रांतीय कार्यकारणी सदस्य अतुल साह,भाजपा मंडल अध्यक्ष जगदीश सती,श्री राम मंदिर समपर्ण अभियान के ब्लाक उपाध्यक्ष पंडित मथुरा प्रसाद हटवाल, टंगणी के प्रधान हीरा ंिसह पंवार, रघुबीर सिंह नेगी, उर्गम घाटी के आचार्य मोहन प्रसाद सेमवाल, संरपच भगवती प्रसाद सेमवाल, नरेन्द्र सिंह नेगी, व बदरीनाथ विधानसभा के सोसल मीडिया प्रभार मोहन चैहान सहित उर्गम, देवग्राम व आस-पास के कई ग्रामों के ग्रामीण मौजूद रहे।