फोटो-रविग्राम मे कथा प्रवचन करते आचार्य ममगाॅई।
प्रकाश कपरूवाण
जेशीमठ। प्रख्यात कथावाचक आचार्य शिव प्रसाद ममगाॅई ने कहा कि गंगा ,गौ एव कन्या की रक्षा करने वाला श्रेष्ठ मानवता की श्रेणी मे आता है। कहा कि पानी विगडता है तो प्राणी विगडता है और यदि वाणी विगडती है तो समाज विगडता है।
ज्योतिष्पीठ ब्यास पदवी से अंलकृत/चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य मंमगाई यहाॅ रविग्राम मे श्रीमदभागवत कथा के अंतिम दिवस श्रोताओ को दिब्य ज्ञान का प्रवचन कर रहे थे। उन्होने कहा कि नीति, रीति व प्रीति जिस घर मे हो वह घर हमेशा संस्कारित व अनुशासित रहता है। कहा कि कोई भी कार्य यदि विधिवत किया जाता है तो उस कार्य को करने वाले ही नही अपितु उसमे सम्मलित होने वाले भी समान लाभ के पात्र होते है। उत्तराख्ंाड देवभूमि है और यही वेदब्यास ने भागवत की रचना की। भागवत कथा की ब्यवस्था ब्यास युग से चली आ रही है और भविष्य मे इसका रक्षण करना हम सबका कर्तब्य है।
आचार्य ने कहा कि गंगा-गंगा बोलने से सब पाप धुल जाते है और गंगा स्नान करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है। उन्होने कहा कि भारत ऐसा एकमात्र देश है जहाॅ संस्कार ही संपत्ति है, जिस संस्कार की सीख लेकर पश्चिमी देश सुखी जीवन अपना रहे है वही हमारे देश के लोग पश्चिमी कुशिक्षा को स्वीकारने मे लगे है। जिसके कारण गौ व कन्या के प्रति ईष्र्या भाव पैदा हो रहा है। कहा कि तीर्थ , प्रयागो व माता/पिता को सम्मान देकर ही प्राणी सुखी रह सकता हैं। भागवत के अंतिम दिवस जलयात्रा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होने कहा कि जल यात्रा हमको यही शिक्षा देती हैं कि जल ही जीवन और इसे पवित्र रखना व इसका रक्षण करना परम कर्तब्य है।
अंतिम दिवस के कथा प्रवचन से पूर्व भब्य जल यात्रा का आयोजन हुआ, जो कथा मंडप रविग्राम से शुरू होकर भारत के प्रथम प्रयाग विष्णुप्रयाग पंहुची। यहाॅ पूरे वैदिक पंरपरा व धार्मिक रीति-रिवाज के साथ कथा ब्यास आचार्य मंमगाॅई का स्नान कराया गया। सभी भक्तो ने प्रयाग मे डुबकी लगाकर भगवान विष्णु के दर्शन किए। इसके उपंरात जल यात्रा भगवान नृंिसह, नवदुर्गा व चंडिका देवी के दर्शन के बाद कथा मंडप पर पंहुची। कथा के अंतिम दिवस आईटीबीपी प्रथम वाहिनी के सेनानी विक्रांत थपलियाल, 104वर्षीय बयोबृद्ध पंडित महीधर बहुगुणा, आचार्य जानकी प्रसाद बहुगुणा, बदरीनाथ के सेनि वेदपाठी कुशलानंद बहुगुणा, आचार्य डा0प्रदीप सेमवाल,सांस्कृतिक परिषद रविग्राम के अध्यक्ष सुभाष डिमरी, सभासद समीर डिमरी, पूर्व सभासद हर्षबर्धन भटट, नवनीत सिलोडी, कैलाश भटट, जगदीश प्रसाद पंत, श्रीप्रकाश नवानी, ब्यापार संगठन के तहसील अध्यक्ष श्रीराम डिमरी, विनोद डिमरी, किसन सिह भुज्वांण, गोविंद सिंह कैरणी, पंडित राजेन्द्र प्रसाद डिमरी, जगदीश जोशी, अनिल डिमरी सरोज पंत, विजय बल्लभ उनियाल, गणेश डिमरी, प्रवेश डिमरी, व जगदीश बहुगुणा सहित अनेक भक्त लोग मौजूद रहे।
कथा समागम के मुख्य यजमान हरीश डिमरी , कविता डिमरी, व संदीप डिमरी हैं। रविग्राम व नौखुडा परिवार के सभी सदस्य कथा समागम की ब्यवस्था मे जुटे है।