प्रकाश कपरुवांण
जोशीमठ। चिपको आंदोलन की धरती रैणी मे आंदोलन की 48वीं वर्षगांठ पर नीती.माणा गौरा देवी पर्यावरण संरक्षण एवं सामाजिक विकास समिति तथा नीती.माणा कोविड.19 टीम जनपद चमोली द्वारा अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
रैणी मे आयोजित समारोह का उद्घाटन श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ यू एस रावत ने किया।जनजाति सलाहकार समिति के अध्यक्ष. राज्य मंत्री स्तर रामकृष्ण सिंह रावत की अध्यक्षता में हुए समारोह से पूर्व चिपको नेत्री गौरा देवी की मूर्ति की पुनर्स्थापना एवं पूजन किया गया।
इस भव्य समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ रावत ने कहा कि चिपको आंदोलन की प्रेरणता गौरा देवी ने पर्यावरण संरक्षण की एक नई मिशाल देश.दुनिया को दी है।उन्होंने कहा कि पर्यावरण सरंक्षण मे यदि विश्व का कोई सबसे बड़ा आंदोलन है तो वह चिपको आंदोलन हैए जिसमें 48 वर्ष पूर्व गौरा देवी व उनकी सहयोगियों ने पेड़ो से चिपक कर पेड़ो को कटने से बचाया था।
श्री रावत ने नई पीढ़ियों को उनके पदचिन्हों पर चलते हुए पर्यावरण सरंक्षण के अभियान में भागीदार बनने का आवहान किया।
अपने संबोधन में राज्य मंत्री राम कृष्ण सिंह रावत ने कहा कि वे चिपको आंदोलन के न केवल प्रत्यक्षदर्शी हैं बल्कि आंदोलन के सहयोगीभी रहे हैं। उन्होंने कहा कि रैणी की धरती पर हुए इस अनूठे आंदोलन ने सीमान्त क्षेत्र जोशीमठ व नीती घाटी की ओर विश्व पर्यावरण जगत का ध्यान आकृष्ट किया है। श्री रावत ने गौरा देवी को नमन करते हुए पेड़ो को कटने से बचाने व पर्यावरण की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहने का आव्हान किया।
इस मौके पर चिपको आंदोलन में गौरा देवी की सहयोगी रही बाली देवी सहित सात महिलाओं तथा आंदोलन में भागीदार रही24 अन्य महिलाओं के परिजनों को सम्मानित किया गया।
वर्ष गाँठ समारोह के संयोजकध्प्रधान संघ चमोली के महा मंत्री पुष्कर सिंह राणा ने सभी आगन्तुक अथितियों का स्वागत किया।
राजकीय महाविद्यालय जोशीमठ के सहायक प्राध्यापक नन्दन सिंह रावत तथा वैसाख सिंह रावत के संचालन मे हुए इस समारोह मे लाता नंदा देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष डॉ मान सिंह राणा, नत्था सिंह रावत, पूर्व दायित्व धारी राज्य मंत्री ठाकुर सिंह राणा, डॉ त्रिलोक सिंह रावत, धन सिंह बिष्ट, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य संग्राम सिंह, चिपको नेत्री गौरा देवी के पुत्र चन्द्र सिंह, रैणी के प्रधान दीपक राणा व सोहन सिंह सहित रैणी वल्ली, रैणी पल्ली, लाता, सूखी, फागति, लौंग व जुगजु गांवों के ग्रामीण व महिला मंगल दल मौजूद रहे। इस दौरान सांस्क़ृतिक कार्यक्रमों की भी शानदार प्रस्तुतियां प्रस्तुत की गई।