
थराली से हरेंद्र बिष्ट।
एक गांव की सड़क निर्माण के कारण 50 से अधिक गांवों के ग्रामीणों को अपनी रातें अंधेरों में गुजारने पर मजबूर होना पड़ रहा है। सड़क निर्माण में लगी कंपनी की मनमानी के आगे कार्यदाई संस्था के साथ ही विद्युत ऊर्जा निगम भी मजबूर बना हुआ है। जबकि कंपनी सड़क निर्माण के दौरान अपनी मनमर्जी से बिजली के पोलों को उखाड़ कर फेंक देने में जरा भी नहीं हिचक रही है।
दरअसल पिछले कई दिनों से विकासखंड देवाल के अंतर्गत बोरागाड़ 11 केवी बिजली लाईन में आये दिन फाल्ट आने के कारण इस लाइन से जुड़े देवसारी से लेकर सुदूरवर्ती झलियां, रामपुर तोर्ती, सोरीगाड़ सहित 50 से अधिक गांवों के ग्रामीणों को बिजली की समस्या से जूझना पड़ रहा है। बिजली विभाग के स्थानी कर्माचारियों के अनुसार 33 केवी नंदकेसरी देवाल से चमोली जिले के अंतिम ग्राम पंचायत झलिया तक जाने वाली 11 केवी बिजली लाईन को आये दिन सुयालकोट से मोपाटा गांव के लिए बनाई जा रही मोटर सड़क के निर्माण के कारण इस गांव से गुजरने वाली 11 केवी की बिजली लाईन को क्षति पहुंचती आ रही है। जिसके कारण इस लाइन पर फाल्ट आने के कारण पूरी लाइन पर आपूर्ति बाधित होती आ रही है।
स्थानीय बिजली कर्मियों की माने तो अब तक सड़क निर्माण के कार्य में लगे ठेकेदार के द्वारा मनमाने तरीके से सड़क निर्माण के दौरान 11 केवी बिजली लाईन के पोलों एवं तारों को जेसीबी, एलएनटी मशीनों के द्वारा अब तक भारी नुकसान पहुंचाया जा चुका है। ऊर्जा निगम के द्वारा सड़क निर्माण में लगे विभाग को चेतावनीयां देते हुए किसी तरह से व्यवस्था बना कर बिजली आपूर्ति बहाल की जा रही है। किंतु विभाग इन चेतावनी पर गौर किए बगैर ही फिर से लाइन को नुकसान पहुंचाते आ रहा है। इस संबंध में ऊर्जा निगम के एसडीओ अतुल कुमार ने बताया कि 29 मई को उनके द्वारा सड़क निर्माण के दौरान बिना विभागीय सहमति के ही बिजली विभाग के लाइनों को क्षति पहुंचने के संबंध में राजस्व उप निरीक्षक नलधूरा को उन्होंने एक तहरीर दी है। जिसमें निर्माण संस्था एवं ठेकेदार के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई है। बताया कि अब तक इस सड़क के कारण निगम को करीब ढाई से तीन लाख रुपए का नुकसान हो चुका है। बताया कि सड़क पर डंपिंग जोन के अभाव में लाइनों को अधिक नुकसान हो रहा है। इसी संबंध में सड़क निर्माण की कार्यदाई संस्था एनपीसीसी के सहायक अभियंता अभिषेक से पूछने पर उन्होंने कहा कि वास्तव में ठेकेदार के द्वारा डंपिंग जोनों का निर्माण नही किया गया हैं। मलबे को जहां तहां बिखेरा गया है, इस संबंध में ठेकेदार को विभाग के द्वारा नोटिस भी दिया गया हैं कि तत्काल डंपिंग जोन का निर्माण कार्य पूरा कर बिखेरा गया मलबा पत्थर उसमें डाला जाए। जब तक डंपिंग जोनों का निर्माण कार्य पूरा नही किया जाता हैं कार्य को रोकने के निर्देश दिए गए हैं।
इस संबंध में ओडर के क्षेत्र पंचायत सदस्य पान सिंह गड़िया ने कहा कि आये दिन बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं। उन्होंने बिजली आपूर्ति सुचारू करने के लिए ऊर्जा निगम से आवश्यक कार्रवाई की मांग की है।