थराली से हरेंद्र बिष्ट।
कर्णप्रयाग-थराली-ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग पर यहां सिमलसैंण नाम स्थान पर बन रहे मोटरपुल के निर्माण के दौरान उड़ रही धूल इन दिनों सिमलसैण के नागरिकों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। नागरिकों का आरोप है कि बीआरओ के आला अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराने के बावजूद भी समस्या जस की तस बनी हुई है। जिससे नागरिकों में रोष व्याप्त है।
दरअसल बीआरओ के द्वारा कर्णप्रयाग-थराली-ग्वालदम मोटर सड़क का चौड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है। इसके तहत सड़क पर जीर्ण.शीर्ण स्थिति में पहुंच चुके पुलों के स्थान पर नये पुल का नव निर्माण किया जा रहा है। इसी के तहत थराली नगर पंचायत क्षेत्राअंतर्गत सिमलसैण में डीजीबीआर के द्वारा मोटर पुल का नव निर्माण एक प्राइवेट कम्पनी को दिया गया है। यहां पर पुराने पुल को तोड़ कर बीआरओ द्वारा फिलहाल वैकल्पिक तौर पर यहां पर वैली ब्रिज बनाया गया है।
लेकिन इस वैलिब्रिज के 100 मीटर के दायरे में डामरीकरण का कार्य बीआरओ के द्वारा नहीं किया गया है। पिछले कई महीनों से वैलिब्रिज से ही वाहनों की आवाजाही हो रही है। वाहनों की लगातार आवाजाही के कारण कच्ची पड़ी सड़क से उड़ने वाली धूल से स्थानीय नागरिकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इससे लोगों के बिमार पड़ने की आशंकाएं बढ़ती जा रही हैं। सिमलसैण के नागरिक हरीश चंदोला, लक्ष्मी प्रसाद, नवीन चंदोला, मुकेश, लछु चंदोला, लक्ष्मण नेगी, एजाज, सुरेश चंदोला, दयाकृष्ण चंदोला, संदीप रावत आदि का आरोप है कि बीआरओ के द्वारा सड़क पर धूल को रोकने के लिए मांग के बावजूद भी नियमित पानी का छिड़काव नही किया जा रहा हैं। इसके साथ ही नागरिकों ने डीजीबीआर पर आरोप लगाया कि कटिंग के दौरान भी उनके खेतो को भी नुकसान पहुँचा है। इसके बावजूद भी खेतों की सुरक्षा के लिए दिवारों का निर्माण नहीं किया जा रहा हैं। जिससे भूस्खलन होने से ग्रामीणों की कृषि भूमि को भारु नुकसान पहुंच रहा है।
इस संबंध में पूछे जाने पर थराली के उपजिलाधिकारी सुधीर कुमार ने बताया कि निर्माणस्थल पर नियमित तौर पर पानी का छिड़काव करने के लिए कार्यदायी एजेंसी को कहा गया है। जिस पर एक दो दिन में टैंकर लगाने का आश्वासन कार्यदायी एजेंसी के द्वारा दिया गया है। ऐसा नहीं किए जाने पर उसके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा सकती है।












