हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट।
थराली/गौचर।
राज्य स्तर पर आयोजित अबेकस प्रतियोगिता में राज्य स्तर पर थराली के राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय डुंग्री के कक्षा 5 के रूद्र सिंह ने प्रथम एवं राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय देवाल के कक्षा 4 के विहान खत्री ने राज्य स्तर पर तृतीय स्थान प्राप्त कर चमोली जिले का नाम रोशन किया हैं।
गत दिवस राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद देहरादून में सम्पन्न हुई अबेकस प्रतियोगिता में दोनों छात्रों ने स्थान प्राप्त किया।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान चमोली ( गौचर) के समन्वयक गोपाल प्रसाद कपरूवाण ने जानकारी देते हुए बताया कि अबेकस से बच्चे उंगलियों के माध्यम से कैलकुलेटर से भी तेज जोड घटाने,गुणा व भाग कर लेते हैं। वे अपने मस्तिष्क में अबेकस के मोतियों का मानसिक चित्र बना लेते हैं और प्रश्नों को हल करते समय इन मोतियों को कॉलम के अनुसार अंगुलीयों पर याद रखते हैं। रुद्र और विहान की शानदार उपलब्धि पर डायट गौचर के प्राचार्य आकाश सारस्वत , खंड शिक्षा अधिकारी थराली व देवाल अनीनाथ , डायट के वरिष्ठ प्रवक्ता राजेंद्र प्रसाद मैखुरी, वीरेंद्र सिंह कठैत, रविंद्र सिंह बर्त्वाल, डॉ.गजपाल राज, सुबोध डिमरी,योगेंद्र बर्त्वाल, डॉ. कमलेश कुमार मिश्र, पुष्पा देवी, दीपा राज, पूरण बिष्ट, दीपा कुनियाल, राजेंद्र सिंह नेगी, रविंद्र कुमार आदि ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए दोनों छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना की।
*क्या है अबेकस*
अबैकस एक प्राचीन गणनात्मक उपकरण है जिसका उपयोग संख्याओं की गणना और गणितीय क्रियाएँ जैसे जोड़, घटाव, गुणा और भाग में किया जाता है। यह लकड़ी या प्लास्टिक के फ्रेम में तारों पर पिरोए गए मोतियों से बना होता है। इसे मुख्य रूप से प्राचीन चीन, मेसोपोटामिया, ग्रीस, भारत और अन्य सभ्यताओं में गणना करने के लिए उपयोग किया जाता था।