रिपोर्ट – सत्यपाल नेगी/रूद्रप्रयाग
रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड देवभूमि कहा जाता है,इसी आस्था विश्वास को लेकर देश विदेश से लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं,पर्वतीय क्षेत्रों की बात करे तो जनपद रूद्रप्रयाग धार्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से बहुत ही महत्त्वपूर्ण माना जाता है।भाजपा जिला मीडिया प्रभारी रुद्रप्रयाग सतेन्द्र सिंह बर्त्वाल ने सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को रुद्रप्रयाग अगस्त्यमुनि आगमन के दौरान ज्ञापन देकर जनपद रुद्रप्रयाग के न्याय पंचायत सतेराखाल के अंतर्गत नारी गांव में स्थित भगवान श्री तुंगनाथ व अष्ट बाराही भगवती मां चंडिका नारी देवी मंदिर को पर्यटन सर्किट से जोड़ने की मांग की। बीजेपी जिला मीडिया प्रभारी सतेन्द्र सिंह बर्तवाल ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देते हुए विस्तार से यह भी जानकारी दी कि ग्राम सभा नारी में आदि जगत गुरु शंकराचार्य जी द्वारा निर्मित नवी शताब्दी का सुप्रसिद्ध सिद्धपीठ भगवान तृतीय केदार स्वरूप सुप्रसिद्ध श्री तुंगनाथ जी एवं आदि शक्ति स्वरूप अष्ट बाराही मां भगवती चंडिका नारी देवी का पौराणिक सिद्ध पीठ मंदिर है,पौराणिक परम्पराओ के अनुसार समय-समय पर विश्व कल्याण के लिए तृतीय केदार स्वरूप भगवान श्री तुंगनाथ जी एवं आदि शक्ति स्वरूप अष्ट बाराही मां चंडिका नारी देवी की अलग अलग समय पर देवरा यात्रा संपन्न की जाती है।तथा भगवान श्री तुंगनाथ जी व मां भगवती चण्डिका नारी देवी दिशा धियाणियो व श्रद्धालो को आशीष देते है । उन्होंने बताया कि नारी गाँव में विराजमान भगवान श्री तुंगनाथ जी व भगवती मां चण्डिका के पावन मन्दिर में सावन व माघ महीने में भक्तों का ताता लगा हुआ रहता है तथा ग्रामीणों द्वारा समय-समय पर धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है।वही चेत एवं अश्विन माह के नवरात्रों मैं मां भगवती चंडिका नारी देवी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है।बताया कि यह मंदिर तल्ला नागपुर एवं जनपद रुद्रप्रयाग के साथ-साथ दूरदराज से भक्तजनों की आस्था का केंद्र बिंदु है।लोग परंपरागत रूप से पाठ पूजा कर अपनी मनोकामना तथा क्षेत्र की खुशहाली के लिए मनौती मांगते हैं,पर्यटन सर्किट से जुड़ने से मंदिर पर्यटन के मानचित्र पर आ जायेगा,जिससे देश एवं विदेश के लोग यहां दर्शन कर दर्शन का लाभ लेंगे ओर क्षेत्र के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तथा क्षेत्रीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होने से ग्रामीण क्षेत्रों से हो रहे पलायन पर रोक लगेगी। मीडिया प्रभारी सतेन्द्र बर्त्वाल ने बताया कि ज्ञापन देते समय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आश्वासन दिया कि जल्द ही मंदिर को सर्किट से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।