फोटो- ज्ञापन सौपते ब्रहमकपाल तीर्थ पुरोहित समाज के अध्यक्ष उमांनद सती व अन्य ं
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। ब्रहमकपाल तीर्थ पुरोहितों ने यात्रा शुरू ना करने के साथ ही देवस्थानम बोर्ड का साॅई मंदिर ट्रस्ट से जोडने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
ब्रहमकपाल तीर्थपुरोहित समाज के अध्यक्ष उमा नंद सती व अन्य तीर्थ पुरोहितों द्वारा राज्यपाल को भेजे ज्ञापन मे कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा उत्तराख्ंाड के चारो धामों मे सीमित सख्या मे यात्रा शुरू कराने का जो निर्णय लिया है वो सरासर गलत है। कहा कि कोविड-19 की साया से राज्य के चारों धाम अभी तक मुक्त हैं यदि यात्रियों का आवागमन होगा तो वहाॅ नियमित रूप से पूजा-अर्चना कर रहे रावल, व पुजारियों को भी संक्रमण का खतरा उत्पन्न हो सकता है। इसलिए किसी भी दशा मे अभी चार धाम यात्रा शुरू ना कराई जाय।
एसडीएम जोशीमठ के माध्यम से राज्यपाल को भेजे गए इस ज्ञापन मे यह भी कहा गया है कि श्री बदरीनाथ धाम आद्यजगदगुरू शंकराचार्य के काल से निर्मित व मान्य पंरपराओं पर संचालित होता आया है। लेकिन राज्य सरकार द्वारा उत्तराखंड उच्च न्यायालय मे जो तथ्य प्रस्तुत किए है उसमे देवस्थानम बोर्ड को साॅई धाम ट्रस्ट से जोडा गया है। जो सरासर गलत है। बदरीनाथ धाम मोक्ष का धाम है यहाॅ पर सभी जाति के लोग अपने पित्रों के श्राद्ध, तपर्ण व पिण्डदान के लिए आते है। ऐसे मे ब्रहमकपाल को भी साॅई ट्रस्ट की तर्ज पर प्रतिबंधित व संचालित करना सर्वथा अनुचित है।
ज्ञापन मे कहा गया है कि जब देवस्थानम बोर्ड से सबंधित प्रकरण न्यायालय मे विचाराधीन है तो ऐसी स्थिति मे देवस्थानम बोर्ड कोई भी निर्णय कैसे ले सकता हैं। ज्ञापन मे राज्य सरकार को न्यायालय के निर्णय आने तक किसी भी प्रकार के निर्णयों को रोकने के आदेश जारी करने का आग्रह किया गया है।
ज्ञापन पर ब्रहमकपाल तीर्थ पुरोहित समाज के अध्यक्ष उमांनद सती के अलावा अमित सती ,संजय सती , सतीश सती, दीपक सती , भगवती प्रसाद नौटियाल, मुकेश नौटियाल, शरद चंद्र नौटियाल व चंद्रप्रकाश सती आदि के हस्ताक्षर है।












