ज्योतिर्मठ, 09 नवम्बर।
विद्या भारती से सम्बद्व सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज ज्योतिर्मठ में रविवार को सप्तशक्ति संगम कार्यक्रम आयोजित
किया गया जिसमें समाज में महिलाओं की भूमिका, शिक्षा, संस्कार और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान विषय पर वक्तओं ने अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। विद्यालय परिवार ने पारंपरिक विधि से अतिथियों का स्वागत तिलक और साल भेंट कर किया, कार्यक्रम की संयोजिका चंद्रकला परमार ने अतिथियों का परिचय कराते हुए स्वागत किया, एकल गीत श्रीमती आरती ने प्रस्तुत किया।
स्वागत भाषण में कहा कि विद्या भारती शिक्षा के साथ-साथ चरित्र निर्माण और राष्ट्रभावना को विकसित करने का कार्य कर रही है। कार्यक्रम की प्रस्तावना कार्यक्रम संचालिका श्रीमती आरती सजवान ने विस्तार से बताया श्रीमद् भागवत गीता में नारी के सात गुणो वर्णन किया।
मुख्य अतिथि आदर्श विद्या मंदिर ज्योतिर्मठ की प्रधानाचार्य प्रियंका देवसाली ने अपने संबोधन में कहा कि नारी समाज की प्रथम शिक्षिका और संस्कृति की संवाहक है, उन्होंने कहा कि शिक्षित, आत्मनिर्भर और संस्कारित नारी ही सशक्त समाज की आधारशिला बन सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय संस्कृति में नारी को “शक्ति स्वरूपा” कहा गया है, क्योंकि वह परिवार और समाज दोनों को दिशा प्रदान करती है।
वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती सरोजनी नौटियाल ने की। उन्होंने कहा कि “नारी जब संस्कार और सेवा का संगम बनती है, तब राष्ट्र सशक्त होता है।”
गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि नारी सशक्तिकरण केवल नारों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उसे वास्तविक जीवन में अपनाने की आवश्यकता है। महिलाओं को शिक्षा और संस्कारों के साथ समाज सेवा में भी सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में वीरा फरस्वाण
ने अपने संबोधन में स्वदेशी ही हमारा जीवन का मूल मंत्र होना चाहिए हमें अपने खान-पान बोली भाषा रीति रिवाज वेशभूषा स्वदेशी के मूल मंत्र को समाहित करना होगा इसमें नारी शक्ति अहम भूमिका निभा सकती है । हमें पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करनी चाहिए, दीपा रावत ने कुटुंब प्रबोधन पर अपने विचार व्यक्त के उन्होंने 6 भ , भाषा, भूषा, भोजन, भजन, भ्रमण भवन के बारे में विस्तार से बताया हमें अपनी वेशभूषा भोजन मैं स्वदेशी अपनाना चाहिए परिवार में सामूहिक भोजन करना चाहिए भवन की साज सज्जा भारतीयता, और भारत के महान बिंदुओं के आधार पर होनी चाहिए हर घर में तुलसी का पौधा होना सुखद है वृक्षारोपण कर जल जंगल जमीन जन का संरक्षण करते हुए प्लास्टिक मुक्त समाज बनाने में अपनी अहम भूमिका निभानी होगी, संगीता नेगी ने प्रश्नोत्तरी किया मातृशक्ति ने उत्साह पूर्वक इसमें प्रतिभाग किया श्रीमती करिश्मा ने अपने समूह के साथ समूह गान प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में समाज एवं शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली महिलाओं को प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। सम्मान प्राप्त करने वाली महिलाओं ने इस आयोजन को प्रेरणादायक बाया इस अवसर पर आशा देवी किशोरी देवी दीपा देवी दुर्गा देवी रेखा देवी सरला देवी को समाज के विभिन्न क्षेत्रों में विशेष प्रकार के उपलब्धियां के लिए सम्मानित किया गया कार्यक्रम में सम्मानित किया गया
कार्यक्रम का संचालन आरती नेगी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती करिश्मा ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में मातृ मातृशक्ति उपस्थित हुई अंत में विद्यालय परिवार की ओर से समस्त मातृ शक्ति का आभार व्यक्त किया गया।












