थराली से हरेंद्र बिष्ट।
चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति (रजि) ने समिति की ओर से पूर्व प्रस्तावित अमर शहीद स्थलों से कलशों में भरकर लाई गई मिट्टी के साथ राजधानी में मुख्यमंत्री आवास पर 2 अक्टूबर से आमरण-अनशन शुरू करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके तहत 30 सितंबर को सरकार को चेताने के लिए सांकेतिक रूप से राजधानी के साथ ही प्रदेश के सभी शहीद स्मारकों पर आंदोलनकारी धरना देंगे।
चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति (रजि) के केंद्रीय संरक्षक राजेन्द्र रावत एवं केंद्रीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह रावत ने यहां बताया कि 30 अगस्त 2021 को समिति की कोर कमेटी ने राज्य आंदोलनकारियों को राज्य स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिए जाने, समय-समय पर आंदोलनकारियों के लिए जारी शासनादेश को एकत्रित कर के एक एक्ट बनाने,सभी चिन्हित आंदोलनकारियों को सम्मान जनक पेंशन दिए जाने, सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिए जाने, चिन्हित से वंचित सभी सक्रिय आंदोलनकारियों का चिन्हिकरण किए जाने सहित तमाम अन्य मुद्दों पर चर्चा करते हुए एक मांग पत्र एसडीएम रूड़की के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा गया था।
जिसमें मांगों पर ठोस कदम उठाने की मांग करते हुए 2 अक्टूबर से सीएम आवास पर मांगों के समर्थन में आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी दी गई थी। केंद्रीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह रावत ने बताया कि अभी तक भी सरकार के द्वारा मांगों पर किसी भी तरह की सकारात्मक पहल नही की गई हैं। जिससे राज्य के आंदोलनकारियों में सरकार के खिलाफ गहरी नाराजगी हैं।
कहा कि समिति ने तय कर लिया हैं कि 2 अक्टूबर को काला दिवस के रूप में मनाएं जाने के साथ ही राजधानी देहरादून में सीएम आवास पर आमरण-अनशन शुरू किया जाएगा। बताया कि इसके तहत आंदोलन के तहत 30 सितंबर को सभी शहीद स्थलों जिसमें रामपुर तिराहा मुजफ्फरनगर, श्रीयंत्र टापू, खटीमा तथा मसूरी से लाई गई पावन माटी कलशो के साथ राजधानी के साथ ही अन्य शहीद स्थलों पर संकेतिक रूप से धरना दिया जाएगा। इसके बाद 1 अक्टूबर को शहीद माटी कलशों के साथ राजधानी में सांकेतिक रूप से अनशन करने के साथ ही 2 अक्टूबर से सीएम आवास के बहार आमरण अनशन शुरू कर दिया जाएगा।