ज्योतिर्मठ, 08नवंबर।
ज्योतिषपीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी श्री माधवाश्रम महाराज की पावन स्मृति मे आयोजित श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ एवं पाठात्मक शतचंडी यज्ञ का पूर्णाहुति के साथ शनिवार को समापन
हुआ।
श्री मठस्थली नृसिंह मंदिर ज्योतिर्मठ मे आयोजित कथा समागम मे पूर्णाहुति से पूर्व कथा ब्यास पंडित नीरज शास्त्री ने राजा परीक्षित के मोक्ष की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि परीक्षत अपने अंतिम समय मे श्री शुकदेव जी महाराज के श्री मुख से श्रीमद भागवत कथा का श्रवण करते हैं और शुकदेव जी के आशीर्वाद से ही राजा परीक्षत को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
कथा ब्यास ने कहा कि श्रीमद भागवत महापुराण को भगवान श्री कृष्ण का साहित्यिक अवतार माना जाता है, श्रीमद भागवत कथा श्रवण से आध्यात्मिक विकास के साथ ही भगवान के प्रति भक्ति गहरी हो जाती है।
इससे पूर्व कथा समागम मे पहुंचे अनेक विद्वानों एवं साधु संतो का श्री मठस्थली के प्रबंधक बशिष्ठ ब्रह्मचारी द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर श्री बद्रीनाथ धाम के निवर्तमान धर्माधिकारी आचार्य भुवन चन्द्र उनियाल ने ज्योतिष पीठ के ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी माधवाश्रम जी महाराज का स्मरण करते हुए कहा कि स्वामी जी देश के मूर्रधन्य विद्वानों मे थे, उनकी विद्वता व सहजता ने ही उन्हें सनातन धर्म की सर्वोच्च पदवी तक पहुँचाया।
उन्होंने कहा कि महाराज श्री ने नृसिंह मंदिर के समीप श्री मठस्थली के रूप मे जिस स्थान को विकसित किया आज वो भगवत कार्यों के लिए उपयोग हो रहा है, उन्होंने श्रीमठ स्थली के प्रबंधक बशिष्ठ ब्रह्मचारी जी की इस पहल का स्वागत करते हुए इस प्रकार के भगवत कार्यों की निरंतरता बनाए रखने की अपेक्षा की।
इस मौके पर श्री उनियाल ने कथा ब्यास पंडित नीरज शास्त्री के पिताश्री ललिता प्रसाद कांडपाल द्वारा गढ़वाली भाषा मे लिखी पुस्तक “अनुकृति”का विमोचन किया, और ज्योतिषपीठ बद्रीकाश्रम की ओर से कथा ब्यास को सम्मान पत्र भेंट किया।
कथा के समापन अवसर पर किंकालेश्वर मंदिर पौड़ी के महंत अभय चैतन्य जी महाराज, दंडी बाड़ा आश्रम ऋषिकेश के केशव स्वरुप ब्रह्मचारी, गंगा नगर राजस्थान के कल्याण स्वरूप ब्रह्मचारी जी, सहित विभिन्न क्षेत्रों से पधारे विद्वत जन मौजूद रहे।
श्रीमठस्थली के प्रबंधक बशिष्ठ ब्रह्मचारी के संचालन मे हुए समापन कार्यक्रम मे कथा ब्यास आचार्य नीरज जी द्वारा अनेक लोगों को सम्मानित किया। प्रबंधक श्री बशिष्ठ ब्रह्मचारी ने सप्त दिवसीय कथा समागम के सफल आयोजन के लिए मठ से जुड़े सभी कार्यकर्त्ताओं, श्रोताओं, कीर्तन मंडली एवं भक्तजनों का आभार ब्यक्त किया है।












