फोटो–नृसिंह मंदिर मठांगण में आयोजित 31 कुंडीय यज्ञ में पूर्णाहुति अवसर पर बीकेटीसी के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल व महामण्डलेश्वर महाराज ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। श्रीलक्ष्मी-नृसिंह महायज्ञ से धार्मिक नगरी जोशीमठ का वातावरण हुआ भक्तिमय। पूर्णाहुति के बाद पाॅच दिवसीय 31कुंडीय महायज्ञ का भब्य समापन हुआ। बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल भी पूर्णाहुति मे शामिल हुए।
श्री बदरीनाथ यात्रा के मुख्य पडाव आद्य जगदगुरू शंकराचार्य की तपस्थली ज्योर्तिमठ-जोशीमठ के पौराणिक नृंिसहं मंदिर -मठांगण मे आयोजित 31कुंडीय’’अष्टमुखागण्डभेरूण्ड’’लक्ष्मी-नृसिंह महायज्ञ की पाॅचवे दिवस पूर्णाहुति हुई। वीती 13मई से भगवान नृंिसह के पवित्र मठांगण मे आयोजित इस महायज्ञ अनुष्ठान मे देश-विदेश के श्रद्धालुओ ने सिरकत की। स्थानीय देव पुजाई समिति एंव बदरी-केदार मंदिर समिति द्वारा भी महायज्ञ अनुष्ठान मे सहयोग प्रदान किया जा रहा है। स्थानीय महिलाओं की कीर्तन मंडली भजनो के गायन से वातावरण को भक्तिमय बनाने मे जुटे रहे।
नृंिसहं जंयती के पावन पर्व पर महायज्ञ की पूर्णाहुति हुई। पूर्णाहुति से पूर्व यज्ञ के मुख्य यजमान डा0प्रकाश डुगिराला व अन्य भक्तो द्वारा भगवान नृंिसहं की महाभिषेक पूजाएं की गई। इसके उपरांत यज्ञ व दोपहर मे पूर्णाहुति के बाद विशाल भंडारे का आयोजन हुआ।
जगदगुरू संन्यास आश्रम ऋषिकेश एंव इंडिया कलचरल सेंटर एंड टैंपल यूएसए के संयुक्त तत्वाधान मे आयोजित इस पाॅच दिवसीय महायज्ञ के दौरान दिक्षिण भारत से पधारे विद्वान वैदिक ब्राहमणों ने यज्ञ मे आहुतियाॅ दी। यज्ञ-अनुष्ठान के मुख्य आचार्य पंडित सत्यनारायण की देख-रेख मे महायज्ञ की प्रक्रियाएं संपादित हुई। यज्ञ-अनुष्ठान के मुख्य यजमान डा0प्रकाश डुगिराला ने सपत्नीक यज्ञ मे बैठकर आहुतियाॅ दी।
आद्य जगदगुरू शंकराचार्य द्वारा स्थापित पौराणिक नृंिसह मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद हुए इस विशाल महायज्ञ के आयेाजन से पूरे क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय हुआ है। बताते चले कि वर्ष 2001 मे ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी माधवाश्रम महाराज के पावन सानिध्य मे एक्कावन वर्षो के अंतराल के बाद नृंिसह महायज्ञ का आयोजन हुआ था। तब नृसिंह मंदिर मे ही अनादिकाल से निर्मित यज्ञ कुंडी को खोलकर यज्ञ किया गया था। उस यज्ञ मे पूरे पैनख्ंाडा के प्रत्येक गाॅव के ग्रामीण सम्मलित हुए थे। नृसिंह मंदिर जीर्णाेद्धार के बाद भी उसी यज्ञ कुंडी मे विशाल यज्ञ की आयोजन की अभी भी धर्मावलिंबियों को प्रतीक्षा है। लेकिन जीर्णोद्धार के उपरांत 31कुंडीय यज्ञ ने भी पूरे क्षेत्र के वातावरण को भक्तिमय व मंत्रमुग्ध कर दिया है।
यज्ञ के संयोजक एव जगदगुरू संन्यास आश्रम ऋषिकेश के महामंण्डलेश्वर अभिषेक चैतन्य गिरी जी महाराज के अनुसार जगदगुरू संन्यास आश्रम एंव इंडिया कलचरल सेंटर एंड टैंपल यूएसए द्वारा यूॅ तो विश्वभर के नृसिंह क्षेत्रों मे भगवान नृसिंह के निमित्त यज्ञो का आयोजन किया जा रहा हैं। लेकिन आद्य जगदगुरू शंकराचार्य द्वारा स्थापित पौराणिक नृसिह मंदिर के प्रांगण-मठांगण मे प्रभु की कृपा से स्थान उपलब्ध हो जाने इस यज्ञ आयोजन से सभी भक्त व श्रद्धालु बेहद प्रसन्न है।और स्वय को भगवान नृंिसह के कृपापात्र के रूप मे महसूस कर रहे है। उन्होने नृसिंह मंदिर प्रांगण उपलब्ध कराने के लिए बीकेटीसी के अध्यक्ष श्री थपलियाल का आभार ब्यक्त किया।
महामंडलेश्वर ने 31कुंडीय महायज्ञ मे सहयोग के लिए देव पुजाई समिति जोशीमठ, बदरी-केदार मंदिर समिति , जोशीमठ क्षेत्र की सभी महिला मंगल दल, व महिलाओ की कीर्तन मंडली व समस्त जनमानस का आयोजन समिति की ओर से आभार ब्यक्त करते हुए भगवान नृंिसंह से पूरे क्षेत्र पर सदैव कृपा बनाए रखने की कामना की है।
श्री लक्ष्मी-नृंसिंह महायज्ञ की पूर्णाहुति अवसर पर बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल, संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य आचार्य रामदयाल मैदुली,,बीकेटीसी के सदस्य ऋषि प्रसाद सती,,भगवती प्रसाद नंबूरी, आदर्श विद्या मंदिर इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य तुलसी राम देवशाली भी यज्ञ मे शामिल हुए। इस अवसर पर देव पुजाई समिति,नृसिंह नवदुर्गा सेवा समिति, बदरी-केदार मंदिर समिति,नगर क्षेत्र की सभी महिलामंगल दलो की महिलाएं व पदाधिकारी के अलावा राज्य मंत्री रामकृष्ण सिंह रावत, पूर्व ईओ बीपी कपरूवाण,, बदरीनाथ के धर्माधिकारी आचार्य भुवन च्रद उनियाल,बरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी गिरीश चैहान, नृंिसह मंदिर प्रभारी संदीप कपरूवाण,, विद्या मंदिर इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य शंभू प्रसाद चमोला सहित नगर क्षेत्र की शिक्षण संस्थाएं शामिल हुई।