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01- ताजे हिमपात के बाद बदरीनाथ का विहंगम दृष्य।
02- केदारनाथ धाम में तीन फीट तक बर्फ की मोटी चादर बिछी।
03- विश्व विख्यात हिमक्रीडा केन्द्र की स्कीइंग ढलान बर्फ से लकदक हुई।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। बदरीनाथ , केदारनाथ व औली मे जमकर हुई बर्फबारी। बदरीनाथ धाम मे दुपहर तक ढाई फीट से अधिक बर्फ की मोटी परत जम चुकी थी। पूरे सीमावर्ती क्षेत्रों मे कडाके की ठंड। निचले इलाको मे सुबह से बारीश का सिलसिला जारी।
मौसम विभाग का मंगलवार से सीमांत जनपदों मे बर्फबारी व वारीश की चेतावनी का असर सीमांत नीती-माणा घाटी के साथ संपूर्ण पैनखंडा जोशीमठ मे दिखाई दे रहा है। नीती-माणा घाटियों के साथ बदरीनाथ व केदारनाथ धाम बर्फ से लकदक हो गए है। बदरीनाथ धाम मे दो से ढाई फीट जबकि केदारनाथ धाम तीन फीट तक बर्फ की मोटी परत जम चुकी है। ऊॅचाई वाले क्षेत्रों मे हिमपात व निचले इलाको मे सुबह से ही हो रही वारीश के बाद पूरा क्षेत्र शीतलहरी की चपेट मे है। स्कूल-कालेजो से नौनिहाल ठिठुरते हुए घरों को जाते हुए देखे गए।
इधर विश्व विख्यात हिमक्रीडा केन्द औली की वादियाॅ भी बर्फ से लबालब हो गई है। हाॅलाकि समाचार भेजे जाने तक औली मे तीन से चार इंच तक ही बर्फ जम सकी थी। लेकिन औली की खूबसूरत स्कीइंग ढलान ने बर्फ की सफेद चादर ओढ ली है।
नीती-माणा घाटियों के साथ ही उर्गम घाटी, डुमक, कलगोठ, पल्ला-किमाणा, थैंग व सलूड-डुंग्रा के ऊॅचाई वाले इलाको मे भी जोरदार बर्फबारी हुई है। बर्फबारी के कारण सडको के अवरूद्ध होने के समाचार नही है। नंवबर महीने मे ही बर्फबारी के दस्तक से शादी-विवाह वालो को अवश्य दिक्कतो का सामना करना पड रहा है।
सीमांत क्षेत्र जोशीमठ मे गत वर्ष भी अच्छी बर्फबारी होने के कारण सेब का उत्पादन भी ठीक रहा। और काश्तकारो को सेब की फसल से अच्छा मुनाफा हुआ। इस वर्ष भी जल्दी बर्फबारी होने से लग रहा है कि आगामी जनवरी-फरवरी महीनो मे भी हिमपात होगा जो सेब के पेडो के लिए सही समय है।
ताजे हिमपात के साथ ही औली व अन्य पर्यटक स्थलो मे पर्यटको की संख्या बढने की उम्मीद जग गई है। औली सहित बर्फीले क्षेत्रों के होटल ब्यवसायी शीतकालीन पर्यटको के स्वागत की तैयारियों मे जुट गए है।