फोटो- युवा ब्यवसायी सूरज कपरूवाण
02-स्वनिर्मित हैचरी मशीन मे चूजे तैयार करने के लिए रखे अण्डे।
————- प्रकाश कपरूवाण ।
जोशीमठ।
कोरोना महामारी के कारण होटल ब्यवसाय नही चला तो युवा ब्यवसायी सूरज कपरूवाण ने पोल्ट्री फार्म के माध्यम से आत्भनिर्भर बनने का सफल प्रयास किया। अब सूरज स्वनिर्मित मशीन से अण्डो से चूजे तैयार कर रहे हैं। सूरज का यह प्रयास स्वरोजगार के अवसर ढूॅडने वाले युवावों के लिए भी प्रेरणादायक है।
जोशीमठ नगर के औली रोड पर होटल ब्यवसाय चलाने वाले युवा ब्यवसायी सूरज ने गत वर्ष जब कोरोना महामारी के कारण होटल ब्यवसाय एकदम ठप्प हो गया था, तब सूरज ने पोल्ट्री फार्म के जरिये स्वरोजगार के अवसर ढूॅडने का प्रयास किया, गत वर्ष सितम्बंर महीने मे पचास चूजों से फार्म की शुरूवात की, और दिन-रात मेहनत कर देशी मुर्गी के अण्डो को विक्रय कर अच्छा मुनाफा भी कमा रहे है। इतना सब तो कई मुर्गी पालन का ब्यवसाय करने वाले करते है। लेकिन युवा उत्साही सूरज ने इससे आगे कुछ करने की सोची, और घर पर ही अण्डो से चूजें तैयार करने की योजना पर काम शुरू किया।
सूरज ने अण्डो से चूजे तैयार करने की सारी प्रक्रिया व उपकरणों की जानकारी इंटरनेट से प्राप्त की और धर पर ही स्वय ही एक हैचरी मशीन तैयार कर डाली, इसके लिए उन्होने थर्माकोल का वाक्स तैयार किया और टेम्परेचर सेंन्सर के लिए बाक्स के अन्दर 60वाट के दो बल्ब, एक छोटा पंखा व पानी से भरा बाउल रखा। इसके बाद सूरज ने 14मई को देशी मुर्गी के 20अण्डे स्वनिर्मित हैचरी बाक्स मे रखे और करीब 21दिनों के बाद तीन जून को अण्डे से चूजे निकलने का क्रम शुरू हुआ, जो लगातार जारी है।
सूरज बताते है कि हैचरी मशीन करीब 7हजार कीमत की थी, तब उन्होने स्वय हैचरी मशीन तैयार करने का निर्णय लिया और थर्माकोल आदि सामग्री क्रय कर हैचरी मशीन तैयार कर ली, जिस पर उनका कुल दो हजार रूपया ब्यय हुआ,और अब उनके द्वारा स्वनिर्मि हैचरी मशीन चूजे तैयार करने लगी है। होटल ब्यवसाय चौपट होने के कारण सूरज ने पोल्ट्री फार्म की योजना पर कार्य करते हुए अपने घर के पास ही टिन शेड तैयार कर 50चूजों से फार्म शुरू किया, हैचरी मशीन के माध्यम से अण्डो से चूजेे तैयार करने का इस पूरे क्षेत्र मे सूरज का यह पहला सफल प्रयास है, इस कार्य मे सूरज को उनके पिता सेनि ईओ भगवती प्रसाद कपरूवाण का भी भरपूर सहयोग व मार्गदर्शन मिला, जिससे सूरज स्वरोजगार अपनाते हुए आत्भर्निर बनने की दिशा मे आगे बढ रहा है। सूरज का यह प्रयास स्वरोजगार के माध्यम से रोजगार तलाश रहे युवावों के लिए भी प्रेरणादायक है, और स्वय पशु चिकित्साधिकारी ने सूरज के फार्म मे जाकर स्वनिर्मित हैचरी मशीन का अवलोकन कर सूरज के इस प्रसास की सराहना की।
स्थानीय पशु चिकित्साधिकारी डा0 रविन्द्र सिंह राणा कहते है कि गत वर्ष सितम्बंर माह मे सूरज को पचास एक दिवसीय चूजे विभाग की ओर से दिए गए थे, ताकि पोल्ट्री फार्म के माध्यम से सूरज स्वरोजगार अपना सके, लेकिन सूरज ने एक कदम आगे बढकर स्वनिर्मित हैचरी मशीन से अण्डो से चूजें तैयार करना शुरू कर दिया है, जो वाकई काबिलेतारीफ है और युवावों के लिए प्रेरणादायक भी। डा0 राणा बताते है कि जनपद चमोली मे कोई भी हैचरी मशीन प्लांन्ट नही है, पहले विभाग का पीपलकोटी मे हैचरी मशीन प्लांट अवश्य था जो बन्द हो गया है।
वास्तव मे सूरज का यह अभिनव प्रयास पोल्ट्री ब्यवसाय के माध्यम से स्वरोजगार अपनाने वाले युवावो के लिए प्रेरणादायक है,और युवावों को सूरज की हैचरी मशीन का अवलोकन कर इस दिशा मे भी कार्य करने की आवश्यकता है।