श्री गुलाब सिंह राजकीय महाविद्यालय चकराता में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)ऋषिकेश द्वारा उत्तराखंड विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (यूकोस्ट) के सहयोग से थैलेसीमिया जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। सोमवार को महाविद्यालय सभागार में आयोजित शिविर में एम्स के प्रधान अन्वेषक प्रो.हरीश चन्द्र ने बताया कि इस शिविर का मुख्य उद्देश्य जौनसार-बावर क्षेत्र के अविवाहित युवाओं में थैलेसीमिया के प्रति जागरूकता पैदा करना है। थैलेसीमिया एक वंशानुगत रक्त विकार है जिसमें रक्त का उत्पादन कम हो जाता है और इसके बाद बच्चे को विकासमंदता के रूप में प्रभावित करता है।इस बीमारी में मधुमेह, घनास्त्रता और हृदयगति रुकने की स्थितियां सामने आती हैं जो बाद में बच्चे के लिए जानलेवा साबित होती है।
आधुनिक चिकित्सा में थैलेसीमिया का उपचार बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन है,जो बहुत मंहगा है और केवल चुनिंदा केन्द्रों पर ही उपलब्ध है। इसके गंभीर रूप को रोकने के लिए जांच ही एक मात्र प्रभावी तरीका है। यह अध्ययन हमें थैलेसीमिया की स्थिति जानने में मदद करेगा और जिससे राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना में बदलाव कर सकती है।शिविर में थैलेसीमिया जांच के लिए 32 छात्र-छात्राओं के ब्लड सैंपल लिए गये।प्राचार्य प्रो.के.एल.तलवाड़ ने क्षेत्र में इस जागरूकता शिविर आयोजित करने के लिए एम्स ऋषिकेश की टीम का आभार जताया। जागरूकता शिविर में एम्स की अनुसंधान सहयोगी डा.चांदनी मुरारीलाल रत्ना देवी,पीटीए अध्यक्ष बलबीर सिंह तोमर सहित महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी व विद्यार्थी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डा.सुमेर चंद ने किया।