हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट।
थराली।
आपदाग्रस्त क्षेत्र थराली के ग्रामीण 21 घंटों तक बिजली एवं 25 से 40 घंटों तक पानी के लिए मौहताज रहें हैं। ऊपर से आलम यह है कि जल संस्थान कर्णप्रयाग के अधिशासी अभियंता आम आदमी तो दूर रहा पत्रकारों तक के फोन उठाने को तैयार नही है। ऐसे में समझा जा सकता हैं कि आपदा के प्रति विभागीय अधिकारी कितने सतर्क हैं।
बुधवार को अचानक हुई तेज बारिश के कारण थराली नगर क्षेत्र में व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक परिसम्पत्तियों को भारी नुकसान हुआ इसके तहत जहां सड़कों पर खड़े कई वाहन दब कर क्षतिग्रस्त हो गए थें वही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, दुकानों, मकानों, सड़कों को भी खासी क्षति पहुंची, बुधवार के बाद ही गुरुवार को भी देर सायं हुई तेज बारिश एवं ओलावृष्टि के कारण क्षेत्र में समस्या और अधिक बढ़ गई। बारिश के कारण आपदाग्रस्त थराली के अंतर्गत वार्ड नंबर 3 अपर बाजार एवं 4 थराली को प्राणमती गद्देरे से आने वाली पाइप लाइनों के क्षतिग्रस्त होने से इन वार्डों में पानी की आपूर्ति पिछले 40 घंटों से ठप पड़ी हुई हैं, इसके अलावा थराली गांव,देवराड़ा,राड़ीबगड़ आदि क्षेत्रों में भी पानी की अनियमित आपूर्ति के चलते लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं। गुरूवार की दोपहर से विकास खंड मुख्यालय देवाल को गमलीगाड़ से आने वाली पानी की लाइनें क्षतिग्रस्त होने के कारण इच्छोली,सेलखोला एवं देवाल बाजार क्षेत्र में पानी की आपूर्ति ठप हो गई।जिस कारण लोगों को पानी के लिए दर-दर भटकने पर मजबूर होना पड़ा।गुरूवार की देर सायं एक बार फिर से हुईं तेज बारिश, ओलावृष्टि एवं तेज हवाओं के चलने के कारण कर्णप्रयाग से नारायणबगड़ आने वाली 33 केवी बिजली लाइन नलगांव एवं झुंगड़ीगाड़ मे पेड़ों के टूटने के कारण क्षतिग्रस्त हो गई जिस कारण नारायणबगड़, थराली एवं देवाल विकास खंडों के नागरिकों को 20 घंटों से अधिक समय तक बिना बिजली के ही रहना पड़ा, बिजली की आपूर्ति ठप होने के कारण शुक्रवार को अधिकांश लोगों के मोबाइल स्विच ऑफ हो गये, जबकि तमाम बिजली चालित मशीनरी भी बंद हो कर रह गयें हैं।ऊर्जा निगम के एसडीओ अतुल कुमार ने बताया कि दोनों स्थानों पर पेड़ों के टूटने के कारण तीन स्पान लाइन क्षतिग्रस्त हो गयें थे, क्षतिग्रस्त लाइनों की मरम्मत के लिए दो टीमें बना कर मरम्मत कर बिजली की बहाली की जा सकी।
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थराली की आपदा को लेकर जहां एक ओर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विधायक भूपाल राम टम्टा, जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी सहित तमाम अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी बेहद संजीदा दिखें,वही दूसरी ओर आपदा के कारण पानी की लाइनों के टूटने से पीने के पानी के लिए दर-दर भटक रहे लोगों की समस्या को दूर करने के लिए जल संस्थान कर्णप्रयाग के अधिशासी अभियंता किस कदर गंभीर है,इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि आम जनता तों दूर की बात रही पत्रकारों तक के फोन उठाने को तैयार नही हैं, गुरुवार की रात जब क्षेत्र में पानी की समस्या को लेकर इस पत्रकार ने जल संस्थान के ईई को कई बार फोन किया तो उन्होंने फोन उठाने की जहमियत तक नही उठाई जब इस संबंध में जिलाधिकारी डॉ.संदीप तिवाड़ी एवं अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश से पानी की आपूर्ति बहाली के संबंध में फोन किया तों दोनों ही अधिकारियों ने आपूर्ति बहाली के लिए जरूरी कदम उठाने की बात कहते हुए आपदा के दौर में फोन नही उठाने को गंभीर बताया।