हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट।
थराली।
आपदा से ग्रस्ति थराली विधानसभा क्षेत्र को आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित किए जाने की मांग धीरे, धीरे जोर पकड़ने लगी हैं। इसके तहत बुधवार को राजकीय पंजीकृत ठेकेदार संघ ने थराली उपजिलाधिकारी थराली के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भेजा हैं।
अगस्त एवं सितंबर माह में थराली विधानसभा के देवाल, थराली, नारायणबगड़, नंदानगर के साथ ही दशोली ब्लाक के कुछ गांवों में भारी बारिश के साथ ही जगह, जगह बादल फटने के कारण काफी अधिक जनहानि, पशुहानि, व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक परिसंपत्तियों के साथ ही बड़ी तादाद में कृषि भूमि को क्षति पहुंची हैं।कई गांवों एवं कस्बों के हाल इस कदर बेहाल हो गए हैं कि लगातार भू-धंसाव, भूस्खलन के कारण इनके अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह लगना शुरू हो गया हैं।इस विधानसभा में आई आपदा के चलते विभिन्न मंचों के द्वारा थराली विधानसभा क्षेत्र को आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग उठाई जाने लगी हैं।इसी के तहत बुधवार को राजकीय पंजीकृत ठेकेदार संघ थराली ने उपजिलाधिकारी थराली पंकज भट्ट के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में संघ ने कहा हैं कि थराली विधानसभा क्षेत्र में आपदा के बाद से पिछले 20 दिनों से अधिक समय से लगभग सभी ग्रामीण सड़के बंद पड़ी है, गांवों में पैदल मार्ग, पैदल पुलिया, पानी की लाइने सहित अन्य परिसम्पतियों को भारी क्षति पहुंची हैं। ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री से थराली विधानसभा क्षेत्र को आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग की हैं।
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ज्ञापन में ठेकेदार संघ के अध्यक्ष पुष्कर सिंह फर्स्वाण, संरक्षक महावीर बिष्ट,लखन रावत, केदार दत्त कुनियाल, किशोर घुनियाल,अनवीर सिंह चिनवान, राकेश जोशी आदि के हस्ताक्षर मौजूद हैं।
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ठेकेदार संघ थराली ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजे एक अन्य ज्ञापन में कहा है कि एक ओर राज्य सरकार ने 10 करोड़ रूपए के ठेके राज्य के ठेकेदारों को देने का निर्णय लिया हैं, वही दूसरी ओर ई प्रोक्योरमेंट एक्ट 2025 के तहत टू बिड के कार्यों का अनुभव 25 प्रतिशत से बढ़कर 80 प्रतिशत कर दिया गया हैं।इसे वापस लिए जाने की मांग की है। इसके अलावा संघ ने 1 करोड़ तक के कार्य स्थानीय ठेकेदार को बिना अनुभव,बिना टर्नओवर एवं बिना सर्त के दिए जाने सहित अन्य मांगों को उठाया गया हैं।