देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच क़े प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी व प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने अपने सयुंक्त बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश से टीएचडीसी पर उत्तराखंड की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे वाद में उत्तराखंड की स्थिति मजबूत होने के बावजूद उत्तर प्रदेश से बातचीत कर अपनी आधी हिस्सेदारी उत्तर प्रदेश को देने की तैयारी की जा रही है, यह उत्तराखंड के हिस्से पर एक और डाका होगा।
एक बयान में उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में हमारा पक्ष मजबूत हैं। माननीय मुख्यमंत्री को चाहियॆ कि टीएचडीसी में हमारी 25% हिस्सेदारी को यूपी के साथ बांटा न जाए। इस परियोजना क़े लियॆ अपने पुरखों कि भूमि ही नहीं बल्कि कई गांव और शहर डुबोकर कुर्बानी दी हैं। एक लाख से अधिक लोगों को विस्थापित किया गया है। टिहरी डैम का दंश अभी भी झेल रहे हैं। उत्तराखंड की बहुत सारी परिसंपत्तियां यूपी के कब्जे में हैं। टीएचडीसी में उत्तराखंड के हक को यूपी के साथ शेयर करना उत्तराखंड पर किसी बज्रपात से कम नहीं होगा।
मुख्यमंत्री जी को स्वयं इन सभी मामलों और हस्तक्षेप करना होगा और कुछ अधिकारी जो सरकार को भी गुमराह कर बिजली खरीदने और बेचने की ग़फ़लत में हमारे राजस्व का नुकसान करने का प्रयास करतें हैं, उस पर गहरी समीक्षा करनी ही होगी।
जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने कहा पहले ही हम सिंचाई विभाग को कालागढ़ से लेकर हरिद्वार और अन्य योजनाओं में काफी भूमि उत्तर प्रदेश को दें चुके हैं और अब रायल्टी भी यूपी से बांटते रहें तो प्रदेश की जनता को सब लुटाकर क्या मिलेगा? आखिर हमारें लोगो ने प्रत्येक योजना व पृथक राज्य क़े लियॆ बहुत बलिदान दिया हैं, जबकि सेना में भी हमारें लोग सीमा पर राष्ट्र की सेवा में तत्त्पर खड़े हैं।