————— प्रकाश कपरुवाण ।
बद्रीनाथ/जोशीमठ।
श्री बद्रीनाथ मास्टर प्लान संघर्ष समिति के तत्वावधान मे विस्थापन नीति स्पष्ट करने की मांग को लेकर विगत 13जुलाई से निरंतर आंदोलन चल रहा है,शनिवार को बद्रीनाथ धाम के ब्यापारिक प्रतिष्ठान सांकेतिक रूप से बन्द रहे।
संघर्ष समिति द्वारा बद्रीनाथ धाम मे मास्टर प्लान के कारण उत्पन्न हुई विभिन्न ज्वलंत समस्याओं के निराकरण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया जिसमें मास्टर प्लान नीति स्पष्ट करने,मकान/जमीन के बदले दोगनी भूमि दिये जाने,प्रत्येक स्थान का मुआवजा रेट तय कर चौगुना मुआवजा दिए जाने, निर्माणाधीन प्लाजा मे दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया क्या होगी?स्पष्ट करने, मास्टर प्लान निर्माण की कार्यदायी संस्था की लापरवाही से हुए नुकसान की भरपाई किए जाने की मांग की गई है।
ज्ञापन मे ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व के कूर्म धारा व प्रह्लाद धारा को तत्काल खुलवाने, तप्त कुण्ड व पंच शिलाओं से छेड़छाड़ नहीं किए जाने, सहित 14 सूत्रीय मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए यथाशीघ्र आवश्यक दिशा निर्देश दीए जाने की मांग की गई है।
ज्ञापन मे कहा गया है कि बद्रीनाथ मास्टर प्लान प्रभावित जनता विगत 13 जुलाई से आंदोलनरत है लेकिन अभी तक किसी भी स्तर से वार्ता नहीं हो सकी। शासन प्रशासन की उपेक्षा से नाराज पीड़ित समाज ने 14 अगस्त से आमरण अनशन की चेतावनी दी है।
ज्ञापन में संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ जमुना रैवानी,उपाध्यक्ष दिनकर बाबुलकर,महामंत्री संजय कोठियाल, ब्यापार संघ बद्रीनाथ के अध्यक्ष विनोद नवानी व डिमरी पंचायत के अध्यक्ष विनोद डिमरी आदि के हस्ताक्षर हैं।