प्रकाश कपरूवाण।
जोशीमठ,18 मई।
हिमालय की गोद मे बसा सिख धर्म की आस्था के प्रतीक श्री हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने से पूर्व हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा व सम्पूर्ण परिसर को सजाने का कार्य शुरू हो गया है।
देवभूमि उत्तराखंड के पाँचवे धाम के रूप मे विख्यात हेमकुंड साहिब के प्रकाशोत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट जहाँ हेमकुंड साहिब सहित घांघरिया व गोविंदघाट गुरुद्वारों को सजाने मे जुटा है, वहीं विभिन्न विभाग भी अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं।
हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा परिसर को दुल्हन की तरह सजाने के लिए डेकोरेशन टीम जुटी है। प्रकाशोत्सव-कपाटोद्घाटन पर्व को ऐतिहासिक व यादगार बनाने के लिए मैनेजमेंट ट्रस्ट ने पूरी ताकत झोंक दी है।
कोरोना काल के बाद समय से शुरू हो रही हेमकुंड साहिब यात्रा को लेकर काफी उत्साह है,उत्तराखंड सरकार व मैनेजमेंट ट्रस्ट यात्रा को लेकर बेहद सजग है और तैयारियों की निरंतर समीक्षा की जा रही है।
हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने हेमकुंड साहिब से लौटकर बताया कि हेमकुंड साहिब मे डेकोरेशन के अलावा साफ सफाई को अंतिम रूप दिया जा रहा है।गुरुद्वारा का पूरा स्टाफ वहाँ पहुंच गया है। विद्युत ब्यवस्था पहले बहाल हो चुकी है,अब जल संस्थान ने भी पेयजल लाइनों को दुरस्त करने का कार्य शुरू कर दिया है।
श्री सेवा सिंह के अनुसार गुरुद्वारों मे आगामी 20 जून तक के लिए पर्याप्त राशन उपलब्ध है और राशन लगातार पहुंच भी रहा है,लेकिन मिट्टी तेल की दिक्कतें है इसके लिए शासन से पत्राचार किया गया है,उम्मीद है जल्दी ही मिट्टी तेल की समस्या का निराकरण हो जाएगा।
इस बार हेमकुंड साहिब यात्रा के मुख्य पड़ाव घांघरिया का नजारा भी बदला नजर आएगा,गुरुद्वारा व आसपास के क्षेत्र को तो सजाया ही जा रहा है, एनटीपीसी के सहयोग से ऊर्जा निगम द्वारा लगाई गई पचास स्ट्रीट लाइट से भी घांघरिया जगमग दिखेगा।











