थराली से हरेंद्र बिष्ट।
एक बार फिर से थराली को जिला बनाए जाने की मांग जोर पकड़ने लगी हैं। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी भूपाल सिंह गुसाईं ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को एक पत्र भेज कर पिंडर घाटी के केंद्र बिंदु थराली को जिला बनाये जाने की मांग की गई है।
सीएम को भेजे एक पत्र में आंदोलनकारी गुसाईं ने कहा गया है कि लंबे समय से पिंडर घाटी के लोग थराली को जिले बनाए जाने की मांग कर रहे है। सबसे पहले पिंडर घाटी की जनता ने 76 के दशक में जिला बनाने की मांग की थी। क्षेत्रीय जनता के द्वारा जिले की मांग को लेकर वर्ष 1998, 1990, 1996, 1998, 2006 एवं 2012 में इसके लिए लंबे आंदोलन किए थे। कहा है कि वर्ष 1995 में बकायदा 22 दिनों तक जिले की मांग को लेकर आमरण अनशन भी किया जा चुका है। उस दौरान तत्कालीन पर्वतीय विकास मंत्री बर्फिया लाल जुवाठा ने बकायदा आंदोलनकारियों को आश्वस्त किया था कि जब भी भविष्य में जिलों का गठन किया जाएगा तो थराली को जिला बनाया जाएगा। लेकिन उसके बाद राज्य में रुद्रप्रयाग एवं चम्पावत जिलों का गठन किया गया परन्तु थराली जो कि जिले के लिए सभी मानक पूरे करता है, उसे छोड़ दिया गया।
क्षेत्रीय जनता की मांग पर 2014 में तात्कालिक मुख्यमंत्री हरीश रावत को ज्ञापन दिया था। जिस पर उन्होंने भी सकारात्मक रुख अपनाया था। साथ ही पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने भी थराली के लोगो को आश्वासन दिया था कि जिलों का जब भी पुनर्गठन किया जाएगा तो थराली को जिला बनाया जाएगा। लेकिन इस मांग को आज तक भी हासिये पर ही रखा गया। पत्र में राज्य आंदोलनकारी ने जन भावना के अनुरूप थराली को जिला बनाने जाने की सीएम से मांग करते हुए इस मुद्दे पर पुनः आंदोलन की चेतावनी दी है।