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Uttarakhand Samachar

फ्यूँला नारायण के कपाट खुले

July 17, 2022
in उत्तराखंड, चमोली
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उरगम घाटी फ्यूलानाराया हिमालय का अद्भुत विष्णु का मंदिर जहां महिला एवं पुरुष पुजारी साथ मिलकर नारायण की पूजा करते हैं। पंच केदार श्री कल्पेश्वर पंचम केदार के शीर्ष ऊपर 10000 फीट की ऊंचाई पर घने जंगल के बीच में स्थित है। चतुर्भुज नारायण का मंदिर हर वर्ष श्रावण संक्रांति के दिन विधि विधान से इस मंदिर के कपाट खुले जाते हैं।

लोक मान्यताओं के अनुसार जब बद्री केदार की पूजा एक साथ होती थी और शंकु मार्ग से के माध्यम से बद्री पूरी पहुंचते थे। पहले श्री ध्यान बद्री पंचम बद्री के दर्शन तीर्थयात्री करते थे और बद्रीनाथ धाम के रावल यहां पहुंच कर नारायण की पूजा करते थे। इसी स्थान से होकर नीलकंठ के रास्ते बद्री पुरी जाने की परंपराएं रही है। जनश्रुति के अनुसार यह वही स्थान है, जहां से भगवती दुर्गा ने फिर कश्यप नामक राक्षस का तीन सिर वाली राक्षस का एक सर काट कर के जोशीमठ के दुर्गा मंदिर में रखा था और एक सर को सिसवा ठेला नामक स्थान पर स्थापित किया था। एक सर को उरगम घंटाकरण के मंदिर में विराजमान किया था। उसी रास्ते से पहले यात्रा संपन्न होती थी। धीरे धीरे सभ्यता का विकास होता रहा और बदी पुरी के मार्ग भी बदलते गये ऐसी जनश्रुति मैं मिलता है।

यहां हर वर्ष श्रावण संक्रांति को ठाकुर परिवारों के द्वारा भगवान विष्णु की पूजा की जाती रही है आज ठीक 11.50 प्रातः कपाट खोल दिए गए हैं। आज वैदिक परंपरा के अनुसार प्रकाश चंद डिमरी पंडित के द्वारा वैदिक मंत्रों के साथ कपाट खुलने की परंपरा पूरी की गई। नवनियुक्त पुजारी के द्वारा नारायण का नाम एवं पूजा की गई इस मंदिर के बारे में पहले जमाने में जहां थोक बारिया हुआ करती थी। वही कालांतर में पंचायती बारी के अनुसार यहां पूजा संपन्न की जाती है इस वर्ष भेंटा गांव के योगम्वर सिंह चौहान फ्यूला नारायण के पुजारी तथा महिला पुजारी पार्वती देवी फ्यूल्याँण के रूप में पुजारी है। श्रावण संक्रांति से लेकर नंदा अष्टमी के नवमी तिथि तक कपाट खुले रहेंगे नवमी तिथि को वैदिक मंत्रों के साथ हवन के बाद कपाट बंद कर दिए जाएंगे।

यहां नारायण की पूजा के अलावा क्षेत्रपाल घंटाकरण भूमियाल जाख देवता नंदा सुनंदा वनदेवी की पूजा संपन्न की जाएगी। फ्यूँला नारायण में विशेष तौर से सत्तू और दूध का विशेष भोग लगाया जाता है। प्रातः भगवान का नित्य स्नान के साथ बाल भोग राजभोग लगाया जाता है। रात्रि के समय संध्या काल में भगवान नारायण को दूध का भोग लगाया जाता है। मक्खन घी की विशेष पूजा ही होती है। आरती के बाद भगवान नारायण योग निद्रा में चले जाते हैं। भगवान नारायण की कपाट उद्घाटन किस समय भगवान नारायण की जय घोष के साथ सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में कपाट खुले फ्यूँला।

नारायण फ्रेंड्स ग्रुप मेला कमेटी भरकी भेंटा ग्वाँणा अरोसी पिल्खी के ग्रामीणों के द्वारा पूरे भव्य श्री मंदिर को सजाया गया था भरकी पंच नाम देवताओं के मंदिर से गाय बचछियां नारायण का भोग सामग्री लेकर के नारायण मंदिर पहुंचे पंचनाम देवता के मंदिर में पंचायत के लोगों के द्वारा नवनियुक्त पुजारी को भगवान नारायण के फूल की टोकरी महिला पुजारी को और मक्खन का विशेष पात्र दिया गया। वही पुरुष पुजारी को चिमटा तथा घंटी दी गई। इस दिन से पूजा के कपाट बंद होने तक पुजारी को चेतन रहना पड़ेगा और वैराग्य का पालन करना होगा। उसी के साथ नारायण की यात्रा आगे बढ़ेगी आज का कपाट सभी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गई। यहां पर प्रधान संघ के अध्यक्ष अनूप नेगी के नेतृत्व में श्रद्धालुओं के लिए विशेष भंडारा का आयोजन किया गया कार्यक्रम अग्रिम रुप से आज फूल नारायण फ्रेंड्स ग्रुप की अगुवाई में मंदिर को 40 किलो फूलों से सजाया गया था। पिछले 5 वर्षों से कल्पेश्वर घाटी के नौजवान मंदिर को फूलों से सजाने का काम करते रहे हैं।

कोई सरकारी सहायता नहीं आपसी भाईचारा और छोटी.छोटी दान की राशि से पूजा की सामग्री के अलावा रंग पेंट का कार्य किया जाता है इस कार्यक्रम की अगुवाई ग्रुप के संयोजक उजागर सिंह फरस्वान के द्वारा किया जा रहा है। रंग रोगन लेखन का कार्य मास्टर यशवंत सिंह चौहान के द्वारा संपन्न किया गया। इस वर्ष ग्रुप के लोगों के द्वारा एक छोटा सा प्रयास किया गया है। प्रकृति के संरक्षण संवर्धन के लिए छोटे.छोटे बोर्ड बनाए गए हैं। आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में पहुंचने की जानकारी के साथ.साथ स्वच्छ भारत मिशन की अंतर्गत स्वच्छता के बारे में छोटे.छोटे स्लोगन लिखे गए हैं जिससे कि लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बड़े इस काम को आगे बढ़ाने के लिए बहुत लोगों ने अपनी छोटी.छोटी राशि दान के रूप में दिया है। जहां सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत करोड़ों का बंटाधार कर रही है।

बताते हैं जन सहयोग दान से ही हम इस काम को आगे बढ़ा रहे हैं इस वर्ष पर्यटन एवं ट्रैकिंग के क्षेत्र में काम करने वाली दिल्ली की एक संस्था स्टेप के महासचिव सोमनाथ पाल के द्वारा इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए ₹10000 की सहायता प्रदान की है। इस अभियान में जनदेश सामाजिक संस्था भी सहयोग कर रही है कपाट उद्घाटन के समय पंच नाम देवता के पुजारी अब्बल सिंह पवार मंगल सिंह चौहान भरकी की प्रधान मंजू देवी मेला कमेटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सिंह फरस्वान प्रधान संघ के अध्यक्ष अनूप सिंह नेगी फ्रेंड्स ग्रुप के सदस्य युवराज सिंह पान सिंह पवार मुकेश कंडवाल चंद्र मोहन सिंह बलवंत सिंह प्रेम सिंह जगत सिंह नेगी विपिन चौहान जितेंद्र सिंह पूर्व प्रधान लक्ष्मण सिंह नेगी आरती देवी गोविंदी देवी पार्वती देवी प्रीति देवी नारायणी देवी आदि लोग उपस्थित थे लक्ष्मण सिंह नेगी की रिपोर्ट

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