उरगम घाटी। पंच केदार में से एक चतुर्थ केदार रुद्रनाथ के कपाट आज विधिविधान से ब्रह्म मुहूर्त में खोल दिए गए।
समुद्र तल से 3600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित रुद्रनाथ मंदिर जनपद चमोली के दशोली प्रखंड के अंतर्गत आता है। अत्यंत सुंदर एवं प्रकृति की अनूठी छटा यहां देखने को मिलती है। हिमालय का अद्भुत सौंदर्य का वर्णन भगवान शंकर के इस महा आलय में मिलता है। रुद्रनाथ भगवान की शीतकालीन पूजा गोपेश्वर गोपीनाथ मंदिर में होती है। इस वर्ष भगवान रुद्रनाथ के कपाट 19 मई को प्रातः खोल दिए गए हैं। आज विशेष स्नान भोग के साथ चतुर्थ केदार के कपाट खोल दिए गए हैं।
भक्तों के द्वारा मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया है। कुछ पाठकों ने वहां की फोटो पोस्ट की है। उन पाठकों को भी साधुवाद। रुद्रनाथ पहुंचने के लिए कई मार्ग हैं। मुख्य मार्ग जिला मुख्यालय सगर से 19 किलोमीटर पदयात्रा कर यहां पहुंचा जाता है। यहां नए मखमली बुग्याल की भरमार है। पनार प्रकृति का एक स्वर्ग है। जहां से चारों ओर हिमालय दिखता है। यह मिलों तक पसरा हुआ है। यहां पहुंचने वालों को ठगा सा महसूस होता है। रुकने के लिए कुछ जगह पर दुकानें हैं। यह केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के सेंचुरी एरिया में मंदिर क्षेत्र एवं रास्ता आता है। रुद्रनाथ में रुकने के लिए छोटी.छोटी धर्मशाला हैं और यहां लोग विश्राम करते हैं।
आइए रुद्रनाथ की यात्रा करें एक रास्ता पंचम केदार कल्पेश्वर से देवग्रामएगीराएवासा कलगोठए डुमक होकर तोली पनार वहां से रुद्रनाथ पहुंचा जाता है एक रास्ता पंचगंगा से अनुसूया होते हुए मंडल पहुंचता है एक रास्ता बनारसी तू ली होती पीपलकोटी पहुंचता है।
लक्ष्मण सिंह नेगी की रिपोर्ट











