सम्भवतः अधिकारों की लडाई लडना तब बेहद आवश्यक हो जाता है जब बात किसी के अस्तित्व तथा जीवन-मरण की हो, और यही लडाई लोहारी के प्रत्येक बच्चे,मातृशक्ति,युवाओं तथा बुजुर्गों द्वारा विगत 97 दिनों से बिना थके बिना रुके निरंतर लडी जा रही है,यह लडाई किसी व्यक्ति विशेष के विरुद्ध बिल्कुल भी नहीं है यह लडाई उस अनीति के विरुद्ध जो किसी के हक-हकूक को छिनने के लिए अमलदराज है,यह लडाई है उस विचारधारा के विरुद्ध जो विशुद्ध रुप से जनता को आक्रोशित करती है,यह लडाई है उस कार्यशैली के विरुद्ध जो जिसमें अथाह विरोधाभास है,लोहारी के ग्रामीणों का दुर्भाग्य तो देखिए लगातार 97 दिनों से आंदोलनरत ग्रामीणों की आवाज 70 किलोमीटर दुर राजधानी देहरादून के सचिवालय तक नहीं पहुँच पायी है
जहाँ से पुरे प्रदेश में होने वाले जनहित कार्यों की रुपरेखा अंकित की जाती है,बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश के मुखिया के संज्ञान में होते हुए भी इस बाबत कोई भी दिशानिर्देश जारी नहीं किया गया।लोहारी के ग्रामीणों की मांग है कि जब तक राज्य सरकार 3 जनवरी 2017 के कैबिनेट के प्रस्ताव को पुनः कैबिनेट में लाकर बहाल नहीं कर देती तक आंदोलन अनवरत जारी रहेगा।
आज श्री राजेन्द्र सिंह चौहान, जितेन्द्र चौहान, श्रीम़ति भीमो देवी, रीना चौहान, श्रद्धा चौहान,भानू चौहान लखवाड़ ने धरना स्थल पर पहुँचकर लोहारी के ग्रामीणों को अपना समर्थन दिया।आज धरना स्थल पर श्री नरेश चौहान,दिनेश तोमर,मंगल सिंह,सुरेंद्र तोमर,अमित चौहान,अनुज चौहान,बलबीर चौहान,टीकम सिंह,रजत तोमर,पूरण वर्मा,दिवान,पूरण थापा,श्रीमति ब्रह्मी देवी,उषा देवी,चन्दा देवी,अनिता देवी,दिव्यांशी चौहान,परी चौहान,विनीता तोमर,प्रमिला चौहान,मनीषा तोमर,सरिता चौहान,रेखा वर्मा आदि उपस्थित रहे।