• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar

देश रक्षा में उत्तराखंड के जवानों का सानी नहीं, आजादी से अब तक मिले 1343 वीरता पदक

17/01/22 - Updated on 18/01/22
in उत्तराखंड
Reading Time: 1min read
0
SHARES
135
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter

डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला:
देश की सेना में हर 100वां सैनिक उत्तराखंड का है। किसी भी सेना का जिक्र होता है तो उसमें कम जनसंख्या घनत्व वाले उत्तराखंड का नाम गौरव से लिया जाता है। आजादी से पहले हो या बाद में, उत्तराखंड का नाम हमेशा सेना के गौरव से जुड़ा रहा है। आलम यह है कि हर साल उत्तराखंड के करीब नौ हजार युवा सेना में शामिल होते हैं।

राज्य में 1,69,519 पूर्व सैनिकों के साथ ही करीब 72 हजार सेवारत सैनिक हैं। वर्ष 1948 के कबायली हमले से लेकर कारगिल युद्ध और इसके बाद आतंकवादियों के खिलाफ चले अभियान में उत्तराखंड के सैनिकों की अहम भूमिका रही है। खास बात यह है कि उत्तराखंड के युवा अंग्रेजी हुकूमत में भी पहली पसंद में रहते थे।अंग्रेजों ने उत्तराखंडी सैनिकों को नेतृत्व के लिए बेहतर पाया था।

भारतीय को प्रशिक्षण देने की नींव वर्ष 1922 में देहरादून में रखी गई थी। प्रिंस ऑफ वेल्स राय मिलिट्री कॉलेज (आरआईएमसी) देहरादून में खोला गया। वर्ष 1932 में आईएमए की शुरुआत हुई। गढ़वाली, कुमाऊं, गोरखा और नागाओं को प्रशिक्षण देने के लिए पर्वतीय हिस्से को चुना गया। सेना दिवस, प्रत्येक वर्ष 15 जनवरी को लेफ्टिनेंट जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) केएम करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

उन्होंने 15 जनवरी 1949 को ब्रिटिश राज के समय के भारतीय सेना के अंतिम अंग्रेज शीर्ष कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर से यह पदभार ग्रहण किया था।यह दिन सैन्य परेडों, सैन्य प्रदर्शनियों और अन्य आधिकारिक कार्यक्रमों के साथ सभी सेना मुख्यालयों में मनाया जाता है। इस दिन उन सभी बहादुर सेनानियों को सलामी भी दी जाती है, जिन्होंने अपने देश और लोगों की सलामती के लिए अपना सर्वोच्च न्योछावर कर दिया। प्रथम विश्वयुद्ध हो या द्वितीय विश्व युद्ध इस राज्य के वीरों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया था.

उत्तराखंड के सपूतों की वीरता से प्रभावित हो कर अंग्रेजों ने इस राज्य के वीरों को अनेक मेडल से नवाजा. आजादी से पहले उत्तराखंड के सपूतों को असामान्य सपूतों ने 3 विक्टोरिया क्रॉस, 53 इंडियन ऑडर ऑफ मेरिट, 25 मिलिट्री क्रॉस, 89 आईडी एसएम और 44 मिलिट्री मेडल हासिल किए थे.1962 में हुए भारत-चीन युद्ध, 1965 में पाकिस्तान से युद्ध, 1971 में भारत-पाक युद्ध में उत्तराखंड के जवानों का बेहद महत्वपूर्ण योगदान रहा है. सिर्फ 1971 के युद्ध में उत्तराखंड के सबसे ज्यादा करीब 250 जवान शहीद हुए थे.

देश के लिए इन युद्धों में अदम्य साहस का परिचय देने के लिए उत्तराखंड को अभी तक 6 परमवीर और अशोक चक्र, 29 महावीर चक्र, 3 अति विशिष्ट सेवा मेडल, 100 वीर चक्र, 169 शौर्य चक्र, 28 युद्ध सेवा मेडल, 745 सेनानायक, 168 मेंशन इन डिस्पैचिस जैसे मेडल हासिल हुए हैं.पहले विश्वयुद्ध से लेकर अब तक देश की सीमा पर किसी भी तरह की तपिश को यहां के सैनिकों ने किसी न किसी रूप में अपने सीने पर सहकर यह साबित भी किया. ब्रिटिश शासनकाल में कुमाऊं और गढ़वाल रेजीमेंट स्थापित की गई थी।

शायद ही कोई ऐसा पदक हो प्रदेश के वीर जांबाज सैनिकों और सैन्य अधिकारियों ने हासिल न किया हो. उत्तराखंड के इस शौर्य और बलिदान को लेकर राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा समय-समय पर कई घोषणाएं की गईं. इनमें से सबसे बड़ी घोषणा प्रधानमंत्री ने की थी. उत्तराखंड में चार धाम के साथ-साथ पांचवें धाम के रूप में सैनिक धाम बनाने घोषणा की. उन्होंने कहा था कि उत्तराखंड के वीर शहीदों के इस बलिदान को नजर में रखते हुए एक भव्य शौर्य स्मारक का निर्माण किया जाएगा. लेकिन यह घोषणा केवल कागजी ही साबित हुई है.

धरातल पर आज भी कोई शौर्य स्मारक नहीं बन पाया है. हालांकि यह कब होगा, यह कोई नहीं जानता है. भारतीय सेना के बहादुर जवानों, पूर्व सैनिकों व उनके परिवारों को थल सेना दिवस की शुभकामनाएं. मातृभूमि की रक्षा में सदैव तत्पर वीर सैनिकों के अदम्य साहस, शौर्य व सर्वोच्च बलिदान को नमन करता हूं. देश के प्रति आपकी निःस्वार्थ सेवा,समर्पण व प्रतिबद्धता हर भारतीय हेतु प्रेरणास्रोत है.’

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत सहित उत्तराखंड ने देश को दो सेना प्रमुख और एक नौसेना प्रमुख दिए हैं। इसके अलावा डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन का पद संभालने वाले अनिल भट्ट भी उत्तराखंड निवासी हैं। युद्ध में साहस और पराक्रम की बात हो और उत्तराखंड का नाम न आए तो ऐसा मुमकिन नहीं है। थल सेना में उत्तराखंड के वीरों के साहस के असंख्य किस्से दर्ज हैं। वहीं वायु सेना में भी उत्तराखंड के जवानों के दिलेरी कम नहीं है.

ShareSendTweet
http://uttarakhandsamachar.com/wp-content/uploads/2025/02/Video-National-Games-2025-1.mp4
Previous Post

गरीबी दलदल में धंसती रही जनता करोड़पति होते गए माननीय

Next Post

पहली रक्तहीन क्रांति थी कुली बेगार प्रथा

Related Posts

उत्तराखंड

कर्णप्रयाग-ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहन दुर्घटनाग्रस्त, हो गया पांच लोग जख्मी

June 16, 2025
3
उत्तराखंड

गजराज का कुनबा बढ़ा या घटा, साफ होगी तस्वीर वर्ष 2026

June 16, 2025
5
उत्तराखंड

केदारनाथ मार्ग पर भूस्खलन

June 16, 2025
5
उत्तराखंड

केदारनाथ हादसे ने हेली सेवाओं पर प्रश्न चिन्ह तो खड़ा कर दिया

June 16, 2025
6
उत्तराखंड

द्रौपदीमाला की महक, इसे दो राज्‍यों ने घोषित किया अपना राज्यपुष्प

June 15, 2025
10
उत्तराखंड

श्री बदरीविशाल के क्षेत्र रक्षक श्री घंटाकर्ण महावीर माणा घन्याल मंदिर के कपाट खुले

June 15, 2025
12

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    0 shares
    Share 0 Tweet 0

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • Education
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • ऋषिकेश
  • कालसी
  • केदारनाथ
  • कोटद्वार
  • क्राइम
  • खेल
  • चकराता
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • जोशीमठ
  • जौनसार
  • टिहरी
  • डोईवाला
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बद्रीनाथ
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • रुद्रप्रयाग
  • विकासनगर
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • साहिया
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

कर्णप्रयाग-ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहन दुर्घटनाग्रस्त, हो गया पांच लोग जख्मी

June 16, 2025

गजराज का कुनबा बढ़ा या घटा, साफ होगी तस्वीर वर्ष 2026

June 16, 2025
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.