• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar

सीमांत के लोगों के लिए एक अदद झूला पुल तक नसीब नहीं

December 3, 2022
in उत्तराखंड, चमोली
Reading Time: 2min read
0
SHARES
547
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter
थराली/देवाल से हरेंद्र बिष्ट।
जहां एक ओर 2013 में आएं जल सैलाब के बाद प्रसिद्ध चार धामों में से दो धामों का  राज्य सरकार के द्वारा केंद्र सरकार की मदद से अरबों रुपए खर्च कर पुनर्निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा हैं। वही दूसरी ओर यहां के  वासिदे आज भी इस त्रासदी के चलते अपनी जान गंवा रहे हैं। परंतु शासन, प्रशासन ग्रामीणों की दिक्कतों को दूर करने के लिए किसी भी स्तर पर गंभीर नही दिख रहा है।
बताते चलें कि   15 से 17 जून 2013 के बीच राज्य में आएं जल सैलाब से पूरा जनसमुदाय थरा गया था। किन्तु इस जल सैलाब का सर्वाधिक असर  चमोली व रूद्रप्रयाग जिले में पड़ा था। इन जिलों में हजारों लोगों की दर्दनांक मौत के साथ ही अरबों-खरबों की सार्वजनिक एवं व्यक्तिगत संपत्तियों का नुकसान हुआ था। इस तबाही से केदारनाथ एवं बद्रीनाथ धाम को भी खासा नुकसान हुआ था। धार्मिक स्थल होने के चलते आपदा के तत्काल बाद से दोनों धामों का खरबों की लागत से  पुनः निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं। किंतु इस आपदा से जख्मी यहां के मूल निवासियों के ज़ख्मों को भरने का अब तक प्रयास नही किए जाने से सामान्य जनमानस आहत हैं।  एक तरह से उसके 2013 के जख्म अब उसके लिए नासूर बनते जा रहे हैं।
दरअसल 9 वर्ष पहले आई आपदा में पिंडर घाटी में भी भारी नुक़सान हुआ था।इस दौरान पिंडर, कैल एवं प्राणमती नदियों के साथ ही तमाम गंदेरो में बने दर्जनों पुल नदी,गदेरो की भेट चढ़ गए थे। इस में पिंडर नदी पर  नारायणबगड़, चेपड़ो, ओड़र, बोरागाड़, हरमल झूला पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे वही अन्य झूला पुलों को भी खासा नुकसान हुआ था। इसके अलावा कैल नदी पर बने सुपलीगाड़ एवं प्राणमती पर डाड़रबगड़ पुल भी नदियों में समा गए थे। बीतते समय में जहां अन्य पुलों का नव निर्माण एवं मरम्मद का कार्य हों चुका हैं। वही आज तक भी देवाल  के ओड़र, हरमल,सुपलीगाड़ एवं थराली के डाड़रबगड़ पुलों का निर्माण नही हों पाया है जिसके कारण जबतब इन पुलों के अभाव में दर्दनांक हादसे होते आ रहे हैं।
शुक्रवार को देवाल के हरमल गांव में झूला पुल के अभाव में नदी को आर-पार करने के लिए खतरनाक भेता लकड़ी के मोटे, मोटे लठो से  सहारे पिंडर नदी को पार करते हुए रामपुर गांव की महिला व उसके बेटे के नदी में बह कर  दर्दनांक मौत जैसे हादसें होते रहते हैं।
———–
हरमल हादसा शासन प्रशासन की खेरूखी का नतीजा है।2013 में झुला पुल बह गया। उसके बाद यहां पर नदी को आर-पार करने के लिए स्थापित इलैक्ट्रिक ट्राली 2021 में बह गई। बावजूद इसके गढ़वाल से कुमाऊं को जोड़ने वाले आधे दर्जन से अधिक गांवों के लिए हरमल में आपदा के 9 वर्ष गुजर जाने के बाद भी एक अदद पुल नही बन पाना सरकार की नाकामी को ही उजागर कर रही हैं। मृतकों के परिजनों को सरकार के द्वारा 50 लाख रुपए का मुआवजा अपनी सरकार की गलती पर देना चाहिए।
                        उर्मिला बिष्ट
                 पूर्व प्रमुख देवाल
————
2013 की आपदा के बाद 2014 में हरमल में लोनिवि थराली के  द्वारा इलैक्ट्रिक ट्राली लगाईं थी।2018 में इस ट्राली का एक अपटमेंट बह गया था।जिसकी मरम्मत के लिए धनराशि शासन से मिली थी।उसका निर्माण कार्य चल ही रहा था कि 2021 में इस का दूसरा अपटमेंट भी बह गया। विभाग ने साढ़े 12 लाख का स्टीमेट ट्राली के पुनर्निर्माण के लिए 2021 में भेज दिया था। धनराशि नही मिल पाने के कारण ट्राली स्थापित नही हों पाई हैं। जहां तक बहे़ झूला पुल के निर्माण की बात है तों 2013 की आपदा के बाद सरकार ने राज्य में बहे पुलों के स्थान पर नए पुलों के पुनर्निर्माण का जिम्मा विश्व बैंक के डीविजन को सौंपने की बात कही थी।
                  अजय काला
            अधिशासी अभियंता
             लोनिवि थराली
ReplyForward
ShareSendTweet
Previous Post

विश्व दिव्यांग दिवस पर कार्यक्रम आयोजित, उत्कृष्ट कार्य करने वालों को किया सम्मानित

Next Post

सीमांत क्षेत्र हरमल में पिंडर पर एक अदद पैदल पुल के अभाव में मां-बेटे की जान गई

Related Posts

पौड़ी गढ़वाल

ओपन बालक राज्य स्तरीय आमंत्रण फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन

December 6, 2023
4
चमोली

गीरा वांसा के ग्रामीणों ने मोटर मार्ग का कार्य सुचारू रूप से करवाने के लिए मुख्य विकास अधिकारी चमोली को ज्ञापन दिया

December 6, 2023
6
रुद्रप्रयाग

जखोली बीडीसी की बैठक में जन प्रतिनिधियों ने क्षेत्र की 30 शिकायते दर्ज कराई

December 6, 2023
25
रुद्रप्रयाग

जनपद पुलिस को आवंटित बजट व अनुदान के सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक ने की समीक्षा बैठक

December 6, 2023
20
चमोली

नुक्कड़ नाटक के माध्यम से चलाया मतदाता जागरूकता अभियान

December 5, 2023
24
रुद्रप्रयाग

पुलिस अधीक्षक ने जनपदीय अधिकारियों,थानाध्यक्षों व विवेचकों के साथ अपराध समीक्षा गोष्ठी कर दिये आवश्यक दिशा निर्देश

December 5, 2023
50

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    0 shares
    Share 0 Tweet 0

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • क्राइम
  • खेल
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • टिहरी
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

राजकीय इन्टर कालेज दसऊ में हंस फाउंडेशन ने लगाया मेडीकल कैम्प

December 6, 2023

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 08 और 09 दिसम्बर को एफआरआई, देहरादून में आयोजित होने वाले डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों को लेकर कार्यक्रम स्थल का स्थलीय निरीक्षण किया

December 6, 2023
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.