उरगम घाटी, चमोली। विष्णुगाढ़-पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना 444 मेगावाट का निर्माण अलकनन्दा नदी पर किया जा रहा है। इस परियोजना के अंतर्गत सैकड़ों नाली जमीनों वन पंचायत भूमि का अधिग्रहण किया गया। जिसमें वन पंचायत एवं राजस्व एवं निजी भूमि अधिग्रहीत की गई है। इस भूमि के बदले टीएचडीसी कंपनी के द्वारा चारा पत्ती, ईधन हानि के बदले उस ग्राम पंचायत के प्रति परिवारों को मनरेगा की मजदूरी के आधार पर कंपनी चारा पत्ती, ईंधन हानि का भुगतान करती है। इसी तरह उरगम घाटी के ग्राम पंचायत भेंटा के 99 परिवारों को इस की श्रेणी में रखा गया था। विगत 1 वर्ष से चारा पत्ती ईंधन हानी की धनराशि का भुगतान कंपनी के द्वारा नहीं किया गया है।
भेंटा पंचायत के तीन ऐसे परिवार हैं, जिनके घर के मुखिया की मृत्यु हो गई है। कंपनी को उनके मृतक आश्रितों के द्वारा सभी दस्तावेजों को पंजीकृत डाक से टीएचडीसी के पीपलकोटी कार्यालय में जमा किए डेढ़ से 2 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। किंतु आज तक उन्हें चारा पत्ती, ईंधन हानी का लाभ नहीं मिल पाया है। ग्रामीणों के द्वारा इस प्रकरण में कई बार टीएचडीसी के सामाजिक पर्यावरणीय विभाग से संपर्क किया गया। उनके द्वारा बताया गया कि मुखिया एवं आश्रित के सत्यापन के लिए उप जिलाधिकारी कार्यालय जोशीमठ में भेजा गया है। जोशीमठ उप जिलाधिकारी कार्यालय एवं राजस्व उपनिरीक्षक तहसीलदार के कार्यालय में जब फाइल को ढूंढा, इस प्रकरण की कोई भी फाइल नहीं मिल पाई है। मृतक आश्रित के द्वारा कई बार संपर्क करने के बाद भी कोई उचित कार्रवाई नहीं हो पाई है।
इस प्रकरण में भेंटा गांव के प्रधान संघ के पूर्व अध्यक्ष जोशीमठ लक्ष्मण सिंह नेगी आज जिला अधिकारी चमोली को पत्र लिखकर शीघ्र कार्रवाई की मांग की है। मृतक आश्रित चैता देवी से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि उनके पति की मृत्यु आज से 4 वर्ष पूर्व हो गई, किंतु अभी तक चारा पत्ती, ईंधन हानि का लाभ मुझे नहीं मिल पाया है, जबकि मेरे द्वारा सभी कार्रवाई पूरी कर दी गई है। मृतक आश्रित पार्वती देवी बताती है कि कई बार मैंने अपने गांव के पूर्व प्रधान व सरपंच को भी कार्यवाही के कहा किंतु कोई लाभ नहीं मिल पाया।
अरोसी गांव की विजय देवी कहते हैं कि मैंने अपने पति सुभाष सिंह के मृतक प्रमाण पत्र परिवार रजिस्टर की नकल अपनी फोटो राशन कार्ड प्रार्थना पत्र अपनी फोटो सभी अभिलेख टीएचडीसी को 2 वर्ष पूर्व भेज दिया था। इस प्रकरण में कोई कार्रवाई नहीं की गई। मेरे तीन बच्चे हैं घर में कोई भी कमाऊ व्यक्ति नहीं है, जो सहायता मुझे मिलनी चाहिए थी वह भी नहीं मिल पा रही है।