फाइल फोटो..मठागण जोशीमठ में आयोजित तिमुण्डा मेला।
प्रकाश कपरूवाण।
जोशीमठ। कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष दो वर्षों के अंतराल के बाद जोशीमठ के नरसिंह मंदिर.मठागण में शनिवार 30 अप्रैल को आयोजित होगा, ऐतिहासिक व धार्मिक तिमुण्डा मेला।
जोशीमठ में धार्मिक आयोजनों को संपादित करने वाली प्रतिष्ठित संस्थाष्देव पुजाई समिति ने इस वर्ष के लिए तिमुण्डा मेले की तिथि निश्चित की है।
यूँ तो भगवान बद्री विशाल के कपाट खुलने से पूर्व परंपरा के अनुसार तिमुण्डा मेले का आयोजन होता रहा है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण विगत दो वर्षों से यह धार्मिक आयोजन नहीं हो सका था। इस वर्ष आयोजन को लेकर लोग दूर दूर से संपर्क करने में जुटे हैं।
क्या है तिमुण्डा मेला?……तिमुण्डा बीर नामक देवता को जोशीमठ के ग्रामवासियों द्वारा परंपरा के अनुसार वर्ष में एक बार विशेष पूजा की जाती है, तिमुण्डा बीर के पश्वा.अवतारी पुरुषष्पर तिमुण्डा अवतार प्रगट होने के बाद वे मठागण में दुर्गा माता के आलम. निशान के चारों ओर घूम. घूम कर एक बकरे का कच्चा मांस, चावल व गुड़ तथा कई घड़े पानी पी जाते हैं।
इस दृष्य को नजदीक से देखने के लिए हजारों लोगों की मौजूदगी बनी रहती हैए दो वर्ष के अंतराल के बाद आयोजित होने वाले इस धार्मिक मेले को लेकर लोगों में भारी उत्सुकता है।
देवपुजाई समिति जोशीमठ आयोजन की तैयारियों में जुट गई है। समिति के अध्यक्ष भगवती प्रसाद नंबूरी के अनुसार इस वर्ष 30 अप्रैल को तिमुण्डा मेला आयोजित होगा, इसके उपरांत 5 मई को श्री बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी मुख्य पुजारी श्री रावल की मौजूदगी में प्रसिद्ध गरुड़छाड़ उत्सव का भब्य आयोजन होगा।